नवरात्रि 2015 कलश स्थापना की शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर 2015
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह - 3 :00 से 6:15 तक
शुभ चोघडिया - सभी के लिए- अमृत -06 :00 से 8 :24,तक
व्यापारियो के लिए- अमृत-10:00 से 12 :24,तक
कारपोरेट के लिऐ -अमृत 3 :36 से5:15 , तक
साधको के लिए -महेन्द्र - शाम 07 :36 से 9 :12 ,तक
सर्वजन के लिऐ - अमृत -9 :12 से 10 :00 ,तक
अभिजित मुहूर्त- दोपहर -11:36 से 12 :24
प्रतिपदा सोमवार रात 4:25 से बुधवार सुबह 6:24 तक है , चित्रा नक्षत्र सोमवाररात 11:06से मँगलवार रात 4:14 तक है , वैधृति योग सोमवार रात 11:35 से मँगलवार रात 12:06 तक है ।
वैधृति चित्रा सम्पूर्ण दिवस हो तो तो प्रारम्भिक दो चरणों और अभिजित मुहूर्त मे कलश स्थपन शुभ है
इस तरह ब्रह्म मुहूर्त से दोपहर 12:24 के पहले या अमृत चौघडिया मे कलश स्थापन करना शास्त्रीय शुभ है ,
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त -
ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 3: 00 से 6 : 15 बजे तक ,
अमृत - सुबह 6:00 से 8 :24 तक ,
प्रथम बेला :- 8:24 से 10:15 तक
अभिजित - दोपहर -11:36 से 12:24 तक
पूजा पण्डालो की नवरात्र पूजन कार्यक्रम ।।
शारदीय नवरात्रि 2015 - कार्यक्रम 10 दिन का नवरात्रि है।
13 अक्टूबर - मँगलवार -
प्रतिपदा - कलश स्थापना- सुबह 6:30 , ध्वजारोपन , दिन भर , - शैल पुत्री पूजन , सुबह आरती - 9 :00 // शाम आरती 8 :00
14 अक्टूबर बुधवार - द्वितीया -दिन -6:24 से
ब्रह्मचारिणी पू जन । सुबह आरती - 9 :00 // शाम आरती 8 :00
15 अक्टूबर गुरुवार - तृतीया-दिन 08:08 से
चंद्र घण्टा पूजन
सुबह आरती - 9 :00 // शाम आरती 8:00
16 -अक्टूबर -शुक्रवार - गणेश चतुर्थी -दिन -9:27 से,
कुष्माडा पूजन । सुबह आरती - 9 :00 // शाम आरती 8:00
17 अक्टूबर - शनिवार - पँचमी दिन 10:19 से,
स्कन्ध माता पूजन ।
18- अक्टूबर -रविवार - महाषष्ठी- दिन 10:40 से ,कात्यायनी पूजन ।-
सुबह आरती दिन 09:00,।शाम आरती 8:00
बेलवरण शाम - 5:30 बजे से
19 अक्टूबर सोमवार - महासप्तमी दिन 10:29 से ,
नवपत्रिका प्रवेश सुबह - 10:30 से 11:30 तक ,
सभी प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा होगी
,आरती *पुष्पाजलि शाम 9:00 । सुबह आरती - 9 :00 // शाम आरती 8:00 ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम-
20 अक्टूबर -मँगल वार- महाअष्टमी - दिन -9 :48 से बुधवार सुबह 8:41 तक दोपहर - आरती- पुष्पाँजलि - दोपहर- 11:00 , शाम आरती पुष्पाजलि - 8:00
सांस्कृतिक कार्यक्रम-
21 अक्टूबर बुधवार -महानवमी- सुबह -8:41 से गुरुवार सुबह 7:11 तक ,
,सन्धि पूजा/ बलि - ( सुबह 8 :41 बजे तक अष्टमी है ), सिद्धिदात्री पूजन ,
निशीथ रात्रि महानिशा पूजन 11:30 बजे , । आरती *पुष्पाजलि :-सुबह 11 :00// आरती *पुष्पाजलि शाम - 8:00 ।।महाभोग वितरण- दोपहर 11:00 बजे
साँस्कृतिक कार्यक्रम रात- 22 अक्टूबर गुरुवार -
विजयादशमी -सुबह 07:11से -इसके बाद विजयादशमी- विसर्जन-हवन - 10:00 से 11:30 तक ,
पुष्पाजँलि आरती - सुबह - 11:40 //
शाम - पुष्पाजलि *आरती-8:00 // महाभोग वितरण :- दोपहर 11:00 से ।।
साँस्कृतिक कार्यक्रम रात*ज्योतिष और रत्न परामर्श 08275555557,,ज्ञानचंद बूंदीवाल,,,Gems For Everyone
नवरात्र बिशेष नव देवीयो कें नाम,, उनकें प्रतिदिन कें भोग,,और तिथियो की पूरी जानकारी,,इस नवरात्र में तिथिया बड़ रही है जो की शास्त्रो कें हिसाब सें शुभ है माता का आना भी शुभ संकेत है ,,श्रध्दाभाव एवं विस्वास सें माँ की सेवा करें आप की हर मनोकामना पूरी होगी
(1) प्रथम - कलशस्थापन -शैलपुत्री (भोग -खीर)
(2) द्वितीया- ब्राह्मचारिणी (भोग-खीर,गाय का घी,एवं मिश्री)
(3) त्रतीया-चन्द्रघंटा (भोग-कैला,दूध,माखन,मिश्री )
(4) चतुर्थी-कुष्मांडा (भोग-पोहा,नारियल,मखाना)
(5) पंचमी-स्कन्दमाता (भोग-शहद एवं मालपुआ )
(6) षष्टी-कात्यायनी(भोग- शहद एवं खजूर))
(7) सप्तमी-कालरात्री (भोग-अंकुरीत चना एवं अंकुरित मूँग )
(8) अष्टमी-महागौरी (भोग-नारियल,खिचड़ी,खीर )
(9) नवमी -सिध्दीदात्री (भोग-चूड़ा दही,पेड़ा,हलवा,,)
(10 ) दशमी - धान का लावा
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह - 3 :00 से 6:15 तक
शुभ चोघडिया - सभी के लिए- अमृत -06 :00 से 8 :24,तक
व्यापारियो के लिए- अमृत-10:00 से 12 :24,तक
कारपोरेट के लिऐ -अमृत 3 :36 से5:15 , तक
साधको के लिए -महेन्द्र - शाम 07 :36 से 9 :12 ,तक
सर्वजन के लिऐ - अमृत -9 :12 से 10 :00 ,तक
अभिजित मुहूर्त- दोपहर -11:36 से 12 :24
प्रतिपदा सोमवार रात 4:25 से बुधवार सुबह 6:24 तक है , चित्रा नक्षत्र सोमवाररात 11:06से मँगलवार रात 4:14 तक है , वैधृति योग सोमवार रात 11:35 से मँगलवार रात 12:06 तक है ।
वैधृति चित्रा सम्पूर्ण दिवस हो तो तो प्रारम्भिक दो चरणों और अभिजित मुहूर्त मे कलश स्थपन शुभ है
इस तरह ब्रह्म मुहूर्त से दोपहर 12:24 के पहले या अमृत चौघडिया मे कलश स्थापन करना शास्त्रीय शुभ है ,
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त -
ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 3: 00 से 6 : 15 बजे तक ,
अमृत - सुबह 6:00 से 8 :24 तक ,
प्रथम बेला :- 8:24 से 10:15 तक
अभिजित - दोपहर -11:36 से 12:24 तक
पूजा पण्डालो की नवरात्र पूजन कार्यक्रम ।।
शारदीय नवरात्रि 2015 - कार्यक्रम 10 दिन का नवरात्रि है।
13 अक्टूबर - मँगलवार -
प्रतिपदा - कलश स्थापना- सुबह 6:30 , ध्वजारोपन , दिन भर , - शैल पुत्री पूजन , सुबह आरती - 9 :00 // शाम आरती 8 :00
14 अक्टूबर बुधवार - द्वितीया -दिन -6:24 से
ब्रह्मचारिणी पू जन । सुबह आरती - 9 :00 // शाम आरती 8 :00
15 अक्टूबर गुरुवार - तृतीया-दिन 08:08 से
चंद्र घण्टा पूजन
सुबह आरती - 9 :00 // शाम आरती 8:00
16 -अक्टूबर -शुक्रवार - गणेश चतुर्थी -दिन -9:27 से,
कुष्माडा पूजन । सुबह आरती - 9 :00 // शाम आरती 8:00
17 अक्टूबर - शनिवार - पँचमी दिन 10:19 से,
स्कन्ध माता पूजन ।
18- अक्टूबर -रविवार - महाषष्ठी- दिन 10:40 से ,कात्यायनी पूजन ।-
सुबह आरती दिन 09:00,।शाम आरती 8:00
बेलवरण शाम - 5:30 बजे से
19 अक्टूबर सोमवार - महासप्तमी दिन 10:29 से ,
नवपत्रिका प्रवेश सुबह - 10:30 से 11:30 तक ,
सभी प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा होगी
,आरती *पुष्पाजलि शाम 9:00 । सुबह आरती - 9 :00 // शाम आरती 8:00 ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम-
20 अक्टूबर -मँगल वार- महाअष्टमी - दिन -9 :48 से बुधवार सुबह 8:41 तक दोपहर - आरती- पुष्पाँजलि - दोपहर- 11:00 , शाम आरती पुष्पाजलि - 8:00
सांस्कृतिक कार्यक्रम-
21 अक्टूबर बुधवार -महानवमी- सुबह -8:41 से गुरुवार सुबह 7:11 तक ,
,सन्धि पूजा/ बलि - ( सुबह 8 :41 बजे तक अष्टमी है ), सिद्धिदात्री पूजन ,
निशीथ रात्रि महानिशा पूजन 11:30 बजे , । आरती *पुष्पाजलि :-सुबह 11 :00// आरती *पुष्पाजलि शाम - 8:00 ।।महाभोग वितरण- दोपहर 11:00 बजे
साँस्कृतिक कार्यक्रम रात- 22 अक्टूबर गुरुवार -
विजयादशमी -सुबह 07:11से -इसके बाद विजयादशमी- विसर्जन-हवन - 10:00 से 11:30 तक ,
पुष्पाजँलि आरती - सुबह - 11:40 //
शाम - पुष्पाजलि *आरती-8:00 // महाभोग वितरण :- दोपहर 11:00 से ।।
साँस्कृतिक कार्यक्रम रात*ज्योतिष और रत्न परामर्श 08275555557,,ज्ञानचंद बूंदीवाल,,,Gems For Everyone
नवरात्र बिशेष नव देवीयो कें नाम,, उनकें प्रतिदिन कें भोग,,और तिथियो की पूरी जानकारी,,इस नवरात्र में तिथिया बड़ रही है जो की शास्त्रो कें हिसाब सें शुभ है माता का आना भी शुभ संकेत है ,,श्रध्दाभाव एवं विस्वास सें माँ की सेवा करें आप की हर मनोकामना पूरी होगी
(1) प्रथम - कलशस्थापन -शैलपुत्री (भोग -खीर)
(2) द्वितीया- ब्राह्मचारिणी (भोग-खीर,गाय का घी,एवं मिश्री)
(3) त्रतीया-चन्द्रघंटा (भोग-कैला,दूध,माखन,मिश्री )
(4) चतुर्थी-कुष्मांडा (भोग-पोहा,नारियल,मखाना)
(5) पंचमी-स्कन्दमाता (भोग-शहद एवं मालपुआ )
(6) षष्टी-कात्यायनी(भोग- शहद एवं खजूर))
(7) सप्तमी-कालरात्री (भोग-अंकुरीत चना एवं अंकुरित मूँग )
(8) अष्टमी-महागौरी (भोग-नारियल,खिचड़ी,खीर )
(9) नवमी -सिध्दीदात्री (भोग-चूड़ा दही,पेड़ा,हलवा,,)
(10 ) दशमी - धान का लावा