Sunday 19 November 2017

संतान गणपति स्तोत्र ।।श्रीगणेशाय नमः

संतान गणपति स्तोत्र ।।श्रीगणेशाय नमः ।
नमोस्तु गणनाथाय सिद्धिबुद्धियुताय च ।
सर्वप्रदाय देवाय पुत्रवृद्धिप्रदाय च ।।
गुरुदराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय ते ।
गोप्याय गोपिताशेषभुवनाय चिदात्मने ।।
विश्वमूलाय भव्याय विश्व सृष्टिकराय ते ।
नमो नमस्ते सत्याय सत्यपूर्णाय शुंदिने ।।
एकदंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः ।
प्रपन्नजनपालाय प्रणतार्तिविनाशिने ।।
शरणं भव देवेश संततिम सुद्रृढ़आम कुरु ।
भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गणनायक ।।
सिद्धि-बुद्धि सहित उन गणनाथ को नमस्कार है, जो पुत्रवृद्धि प्रदान करने वाले तथा सब कुछ देने वाले देवता हैं। जो भारी पेट वाले (लम्बोदर), गुरु (ज्ञानदाता), गोप्ता (रक्षक), गुह्य (गूढ़स्वरुप) तथा सब ओर से गौर हैं। जिनका स्वरुप और तत्व गोपनीय है तथा समस्त भुवनों के रक्षक हैं, उन चिदात्मा आप गणपति को नमस्कार है। जो विश्व के मूल कारण, कल्याण स्वरुप, संसार की सृष्टि करने वाले, सत्यरूप तथा शुण्ड आकारी हैं, उन आप गणेश्वर को बारम्बार नमस्कार है। जिनके एक दांत और सुन्दर मुख है, जो शरणागत, भक्तजनों के रक्षक तथा प्रणतजनों की पीड़ा का नाश करने वाले हैं, उन शुद्धस्वरुप आप गणपति को बारम्बार नमस्कार है। देवेश्वर ! आप मेरे लिए शरणदाता हो. मेरी संतान परंपरा को सुद्रृढ़ करें। गणनायक ! मेरे कुल में जो पुत्र हो, वे सब आपकी पूजा के लिए सदैव तत्पर हों। यह वर प्राप्त करना मुझे इष्ट है।
संतान प्राप्ति गणपति स्तोत्र" गर्भ धारण करने के लिये बहुत ही लाभदायक है. नि:संतान दंपति इसे अवश्य आजमाये और श्री गणेशजी का आशिर्वाद प्राप्त करे. आशा करते है की भगवान श्री गणेशजी नि:संतान दंपति की इच्छा पूर्ण करेगे.
स्तोत्र के अनुष्ठान की विधि,,,हर रोज प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर गणेश की प्रतिमा या तस्वीर के सामने पूर्व या उत्तर की तरफ़ मुख रखकर स्वच्छ आसन पर बैठ जाये. तत पश्चात गणेशजी का पंचोपचार विधि (चंदन, पुष्प, धूप-दीप और नैवेध) द्वारा पूजन करे.फ़िर इस स्तोत्र का ह्रदय से अनुष्ठान करे
!Astrologer Gyanchand Bundiwal. Nagpur । M.8275555557
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