गणपतिजी बीज मंत्र
गणपति का मंत
श्री महागणपति प्रणव मूलमंत्र: ॐ |
श्री महा गणपति प्रणव मूलमंत्र: ॐ गं ॐ |
ॐ गं गणपतये नमः |
ॐ नमो भगवते गजाननाय |
श्री गणेशाय नमः |
ॐ श्री गणेशाय नमः |
ॐ वक्रतुन्डाय हुम |
ॐ ह्रीं श्रीं क्लिं गौं ग: श्रींमहागणाधिपतये नमः |
ॐ ह्रींश्रींक्लिंगौं वरदमूर्तयेनमः |
ॐ ह्रीं श्रीं क्लिं नमो भगवते गजाननाय |
ॐ ह्रीं श्रीं क्लिं नमो गणेश्वराय ब्रह्मरूपाय चारवे सर्वसिध्दी प्रदेयाय ब्रह्मणस्पतये नमः |
ॐ बिजाय भालचंद्राय गणेश परमात्मने | प्रणतक्लेशनाशाय हेरम्बाय नमो नमः |
ॐ आपदामपहर्तार | दातारं सुखसंपदाम | क्षीप्रप्रासादन्न देवं | भूयो भूयो नमाम्यहम ||
ॐ नमो गणपते तुभ्यं | हेरम्बा येकदंतिने | स्वानंदवासिने तुभ्यं | ब्रह्मणस्पतये नमः |
ॐ श्री गजानन जय गजानन |
ॐ श्री गजानन जय गजानन | जय जय गजानन |
ॐ शुक्लाम्बरधरं देव | शशिसूर्यनिभाननम | प्रसन्नवदन ध्यायेत | सर्वविघ्नोंपशान्तये ||
ॐ नमस्तमै गणेशाय ब्रह्मविद्याप्रदाइने | यस्याsगस्तायते नाम | विघ्न सागरशोषणे ||
ॐ ह्रीं गं ह्रीं गणपतये नमः ||
ॐ वक्रतुन्डाय नमः |
ॐ महाकर्णाय विद्महे | वक्रतुन्डाय धीमहि | तन्नो दंती प्रचोदयात ||
ॐ यद्भ्रूप्रणीहितां लक्ष्मी | लभन्ते भक्त कोट्य: || स्वतंत्र मेकं नेतारं | विघ्नराजं नमाम्यहम ||
गणानां त्वा गणपतिं
हवामहे प्रियाणां त्वा प्रियपतिं हवामहे |निधीनां त्वा निधिपतिं हवामहे वसो
मम आहमजानि गर्भधमा त्वमजासि गर्भधम् ||
गणानां
त्वा गणपतिं हवामहे कविं कवीनामुपमश्रवस्तमम् ।
ज्येष्ठराजं ब्रह्मणां ब्रह्मणस्पत आ नः श्रृण्वन्नूतिभिः सीद सादनम् ।।
ज्येष्ठराजं ब्रह्मणां ब्रह्मणस्पत आ नः श्रृण्वन्नूतिभिः सीद सादनम् ।।
नमो गणेभ्यो गणपतिभ्यश्च वो नमो नमो
व्रातेभ्यो व्रातपतिभ्यश्च वो नमो नमो
गृत्सेभ्यो गृत्सपतिभ्यश्च वो नमो नमो
विरुपेभ्यो विश्वरुपेभ्यश्च वो नमः ।।