Friday, 12 April 2013

श्री महालक्ष्म्यै नमः। श्री महालक्ष्मी

महालक्ष्मयै नम: नमस्तेस्तु महामाये श्रीपिठे सुरपुजीतेशन्खचक्र गदाहस्ते महालक्ष्मि नमोस्तुते॥नमस्ते गरुढारुढे कोलसुर भयन्करिसर्वपाप हरे देवि महालक्ष्मि नमोस्तुते॥सर्वद्नये सर्ववर्दे सर्व द्रुशठभयन्करिसर्व दुखहरे देवि महालक्ष्मि नमोस्तुते॥सिद्धिबुद्धि प्रदे देवि भक्तिमुक्ति प्रदयिनिमन्त्रमुर्ते सदादेवि महालक्ष्मि नमोस्तुते॥आद्न्त्यरहिते देवि आध्यशक्ति महेश्वरियोगजे योग सम्भुते महालक्ष्मि नमोस्तुते॥श्थुलसुश्ख्म महारौद्रे महाशक्ति महोदरेमहापाप हरे देवि महालक्ष्मि नमोस्तुते॥पद्मासन स्थिते देवि परब्रम्ह स्वरुपिणिपरमेशि जग्न्मातर महालक्ष्मि नमोस्तुते॥श्वेतामबर धरे देवि नानाल्लन्कार भुशितेजगत्शिते जगन्मातर महालक्ष्मि नमोस्तुते॥महालक्ष्म्यश्ट्कम स्तोत्रम य:पठे भक्ति मान्नरः सर्व सिद्धि मिवप्नोप्ति राज्यम प्राप्नोप्ति सर्वदा एक काले पठे नित्यम महापाप विनाशम द्विकालम यः पठे नित्यम धन धान्य सम्न्वितः त्रिकालम यः पठे नित्यम महा शत्रु विनाशनम महालक्ष्मिभ्र्वे नित्यम प्रसन्ना वरदा शुभा ।!!!! Astrologer Gyanchand Bundiwal. Nagpur । M.8275555557 !!!


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