नवरात्रि व्रत,,, Navratri नवरात्र व्रत
दुर्गासप्तमी
एवं पुराणों में दुर्गा के नौ रूपों क्रमश: शैलपुत्री, ब्रम्ह्चारिणी,
चंद्रघण्टा, कूश्माण्डी,स्कंदमाता,कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी एवं
सिद्धदात्री का उल्लेख मिलता है। उमा, पार्वती, रम्भा, तोतला और त्रिपुरा
उल्लेखनीय है। द्वादश गौरी के नाम और उनके आयुध निम्नानुसार है :-१. उमा :-
अक्षसूत्र, पद्म, दर्पण, कमंडलु।२. पार्वती :- वाहन सिंह और दोनों
पार्श्वों में अग्निकुण्ड और हाथों में अक्षसूत्र, शिव, गणेश और कमंडलु। ३.
गौरी :- अक्षसूत्र, अभय मुद्रा, पद्म और
कमण्डलु। ४. ललिता :- भाूल, अक्षसूत्र, वीणा तथा कमण्डलु। ५. श्रिया :-
अक्षसूत्र, पद्म, अभय मुद्रा, वरद मुद्रा। ६. कृश्णा :- अक्षसूत्र,
कमण्डलु, दो हाथ अंजलि मुद्रा में तथा चारों ओर पंचाग्निकुंड। ७. महे वरी
:- पद्म और दर्पण। ८. रम्भा :- गजारूढ़, करों में कमण्डलु, अक्षमाला, वज्र
और अंकुश। ९. सावित्री :- अक्षसूत्र, पुस्तक, पद्म और कमण्डलु। १०.
त्रिशण्डा या श्रीखण्डा :- अक्षसूत्र, वज्र, भाक्ति और कमण्डलु। ११. तोतला
:- अक्षसूत्र, दण्ड, खेटक,चामर। १२. त्रिपुरा :- पाश, अंकुश, अभयपुद्रा और
वरदमुद्रा।