Friday 6 November 2015

पन्ना बुध ग्रह का रत्न


पन्ना बुध ग्रह का रत्न है। इसे अनेक नामों से जाना जाता है जैसे संस्कृत में मरकत मणि, फारसी में जमरन, हिन्दी में पन्ना और अँग्रेजी में एमराल्ड। यह गहरे से हल्के हरे रंग का होता है। यह अधिकतर दक्षिण महानदी, हिमालय, गिरनार और सोम नदी के पास पाया जाता है। इस रत्न को धारण करने वाला सौभाग्यशाली होता है।
पन्ना मुख्यतः पाँच रंगों में पाया जाता है। तोते के पंख के समान रंग वाला, पानी के रंग जैसा, सरेस के पुष्प के रंगों वाला, मयूरपंख जैसा और हल्के संदुल पुष्प के समान होता है। पन्ना अत्यंत नरम पत्थर होता है तथा अत्यंत मूल्यवान पत्थरों में से एक है। रंग, रूप, चमक, वजन, पारदर्शिता के अनुसार इसका मूल्य निर्धारित होता है।
यह रत्न 500 रुपए कैरेट से 5 हजार रुपए कैरेट तक आता है। इस रत्न को धारण करने से अनिश्चितता निश्चितता में बदल जाती है। विद्यार्थी वर्ग यदि पन्ना पहने तो बुद्धि तीक्ष्ण बनती है। यह रोगियों के लिए बलवर्धक, आरोग्यदायक एवं सुख देने वाला होता है। जिस घर में यह रत्न होता है, वहाँ अन्न-धन की वृद्धि, सुयोग्य संतान तथा भूत-प्रेत की बाधा शांत होती है। सर्प भय नहीं रहता। नेत्र रोगों में भी यह अत्यंत लाभकारी होता है। इस रत्न को पाँच मिनट तक प्रातः एक गिलास पानी में घुमाएँ फिर आँखों पर छिटका जाए तो नेत्र रोग में फायदा होता है।
पन्ना यदि मिथुन लग्न वाले धारण करें तो पारिवारिक परेशानियों से राहत मिल सकती है। माता का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। जनता से संबंधित कार्यों में सफलता मिलेगी।
कन्या लग्न वाले व्यक्ति भी पन्ना पहनकर राज्य, व्यापार, पिता, नौकरी, शासकीय कार्यों में लाभ पा सकते हैं। यदि कन्या लग्न वाले बेरोजगार हैं, तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
यदि किसी के जन्म लग्न में बुध 6, 8, 12वें भाव में हो तो वे पन्ना पहन सकते हैं।
बुध यदि नीच मीन राशि का हो तो वह भी पन्ना पहन सकते हैं।
यदि बुध धनेश होकर नवम भाव में हो, तृतीयेश होकर दशम भाव में हो, चतुर्थेश सुखेश होकर आय एकादश स्थान में हो तो पन्ना पहनना अत्यंत लाभकारी होता है।
बुध यदि सप्तमेश होकर दूसरे भाव में हो नवमेश होकर चतुर्थ भाव में हो, एकादशेश होकर छठे भाव में हो तो पन्ना अवश्य पहनना चाहिए।
यदि बुध शुभ स्थान का स्वामी होकर अष्टम भाव में हो तो पन्ना पहनना शुभ रहता है।
यदि बुध की महादशा या अंतरदशा चल रही हो तो पन्ना अवश्य पहनें।
यदि जन्म कुंडली में शुभ भाव 2, 3, 4, 5, 7, 9, 10 , 11वें भाव का स्वामी होकर छठे भाव में हो तो पन्ना पहनना श्रेष्ठ रहेगा।
यदि बुध, मंगल, शनि, राहू या केतु के साथ स्थित हो तो पन्ना अवश्य पहनना चाहिए।
यदि बुध पर शत्रु ग्रहों की दृष्टि हो तो पन्ना अवश्य पहनना चाहिए।
बुध यदि लग्नेश होकर चतुर्थ, पंचम या नवम भाव में शुभ ग्रहों के साथ हो तो पन्ना हितकर रहेगा।
पन्ना उन व्यक्तियों को भी पहनना चाहिए जो व्यापारी हों, गणित से संबंधित कार्य करने वाले हों या सेल्समैन हों। ऐसे व्यक्तियों को पन्ना उत्तम प्रभाव देकर लाभान्वित करेगा।ज्योतिष और रत्न परामर्श 08275555557,,ज्ञानचंद बूंदीवाल,,,Gems For Everyone
पन्ना बुधवार के दिन अश्लेषा, ज्येष्ठा या रेवती, नक्षत्र हो उस दिन सूर्योदय से लगभग 10 बजे तक पन्ना पहन सकते हैं। पन्ना सदैव स्वर्ण की धातु में शुभ घड़ी में बनाकर ही पहनें। पन्ना कम से कम 3 कैरेट का होना चाहिए व उससे अधिक हो तो उत्तम रहेगा।
बुध ग्रह का मंत्र ॐ नमो अर्हते भगवते श्रीमते मल्लि तीर्थंकराय कुबेरयक्ष |
अपराजिता यक्षी सहिताय ॐ आं क्रों ह्रीं ह्र: बुधमहाग्रह मम दुष्‍टग्रह,
रोग कष्‍ट निवारणं सर्व शान्तिं च कुरू कुरू हूं फट् || 14000 जाप्‍य ||
मध्‍यम यंत्र -ॐ ह्रौं क्रौं आं श्रीं बुधग्रहारिष्‍ट निवारक श्री विमल अनन्‍तधर्म शान्ति कुन्‍थअरहनमिवर्धमान अष्‍टजिनेन्‍द्रेभ्‍यो नम: शान्तिं कुरू कुरू स्‍वाहा || 8000 जाप्‍य ||
लघु मंत्र- ॐ ह्रीं णमो उवज्‍झायाणां || 10000 जाप्‍य ||
तान्त्रिक मंत्र- ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: || 9000 जाप्‍य ||

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