धनत्रयोदशी 28 अक्टूबर शुक्रवार ,, दीपावली 30 अक्टूबर रविवार
इस दिन धातु के सामान , घरेलू सामान , मोटर वाहन , पूजन सामान, मुर्तियाँ, चाँदी , सोना , रत्न , दवा , झाडु आदि की खरीद की जाती है ,
इस दिन खाता बही . चौपड़ा , कलम दवात आदि की खरीददारी का शुभ समय -
सुबह - 9:00 से 11:00 ; शाम -2:28 से 4:00 , 5:34 से 9:45 .
लक्ष्मी पूजन -वृषभ लग्न- 6 : 33 से 8:30 । सिंह लग्न- रात -1 :03 से 3 :1 4 तक ,
इस दिन रात मे भी लक्ष्मी और धन्वनतरि जी की पूजन किया जाता है ।
यमराज दीपक - शाम को यमराज को प्रसन्न करने के लिऐ चार मुख या एक मुख का तेल का नया मिठ्ठी का दीपक रात मे जलाकर घर के दक्षिण दिशा मे रखा जाता है ।
29 अक्टूबर शनिवार - छोटी दिवाली
देव दीपक , नरक चतुर्दशी , हनुमान जी की जयंती
मँगल वार को हनुमान जयंती 30 साल बाद
इस दिन हनुमान जी की जयन्ती मानी जाती है , मेष लग्न , हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिऐ लडडु दीपक आदि का दान किया जाता है , इस शाम को देव घरों, मन्दिरो मे घी का दीपक दान करना चाहिए ,इसे छोटी दीपावली भी कहते है ।
30 अक्टूबर- रविवार - दीपावली
इस दिन श्री गणेशजी, महालक्ष्मी , कुबेर , महाकाली, महासरस्वती , विश्वकर्मा , तुला , खाता - बही , ऋद्दि -सिद्धि , योग क्षेम , स्वास्तिक का पूजन किया जाता है , इस दिन - रात पूजा करने का विधान है,
चोघडिया से पूजन का मुहूर्त
शुभ काल -गृहस्थ एवँ सभी ।
महेन्द्र, गौधुलि और इन्द्र काल राजा - राज अधिकारी , नेता गण । अमृत दवा- व्यापारी , अनाज , होटल , स्टेशनरी , रसायन , विद्यार्थी के लिऐ शुभ है ।
इस दिन राहू काल -दोपहर से है ,
लग्न या राशि के अनुसार पूजन समय
राशि या लग्न से 6, 8, 12 वे लग्न मे पूजन न करे
दिपावली की सुबह - सुबह मे दरिद्रा को घर से निकालने का भी विधान सुप बजाकर है ।
दीपावली लक्ष्मी पूजन शुभ महूर्त
श्रीमहालक्ष्मी पूजन प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है और लगभग २ घण्टे २४ मिनट तक रहता है। कुछ स्त्रोत लक्ष्मी पूजा को करने के लिए महानिशिता काल भी बताते हैं। हमारे विचार में महानिशिता काल तांत्रिक समुदायों और पण्डितों, जो इस विशेष समय के दौरान लक्ष्मी पूजा के बारे में अधिक जानते हैं, उनके लिए यह समय ज्यादा उपयुक्त होता है। सामान्य लोगों के लिए हम प्रदोष काल मुहूर्त उपयुक्त बताते हैं।
श्रीमहालक्ष्मी पूजन को करने के लिए हम चौघड़िया मुहूर्त को देखने की सलाह नहीं देते हैं क्योंकि वे मुहूर्त यात्रा के लिए उपयुक्त होते हैं। लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान होता है जब स्थिर लग्न प्रचलित होती है। ऐसा माना जाता है कि अगर व्यपार में चर लग्न में लक्ष्मी पूजन किया जाता है।तो सदैव व्यपार में धनागमन का आदान प्रदान होता रहता है।और स्थिर लग्न के दौरान लक्ष्मी पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है। इसीलिए लक्ष्मी पूजा के लिए यह समय सबसे उपयुक्त होता है। वृषभ लग्न को स्थिर माना गया है और दीवाली के त्यौहार के दौरान यह अधिकतर प्रदोष काल के साथ अधिव्याप्त होता है।
लक्ष्मी पूजा के लिए हम यथार्थ समय उपलब्ध कराते हैं। हमारे दर्शाये गए मुहूर्त के समय में अमावस्या, प्रदोष काल और स्थिर लग्न सम्मिलित होते हैं। हमेशा अपने मित्रो को स्थान के अनुसार मुहूर्त उपलब्ध कराते हैं इसीलिए
यह महूर्त नागपुर के सूर्यादय के अनुसार है इसीलिए आपको लक्ष्मी पूजा का शुभ समय देखने से पहले मुझे अपने अपने शहर का नाम बता देना चाहिए ताकि आप लोग उपयुक्त समय में पूजन कर सको!!
बही खाता खरीदने का महूर्त
(1)- शुक्रवार - 28 अक्टूबर 2016 -
धनतेरस , प्रदोष , धन्वनतरि जयन्ती , महाशिवरात्रि
कार्त्तिक बदी ( कृष्ण पक्ष. ) त्रयोदशी हस्त नक्षत्र -शनिवार सुबह 6:41 तक ।
त्रयोदशी - गुरुवार शाम 5:12 से शुक्रवार शाम 6:17 तक ,.
धनतेरस -
(2) शनिवार - 29 अक्टूबर 2016 -
नरक चतुर्दशी , हनुमान जयन्ती
(3 )रविवार - 30 अक्टूबर 2016 -
कार्त्तिक बदी ( कृष्ण )अमावस्या रवि वार - चित्रा नक्षत्र
दीपावली पर्व दिवस
नोट - अमावस्या - शनि वार -रात -7:55 से रवि वार -शाम -9:33 तक है । इसलिऐ काली पूजा पण्डालो मे शनिवार- रात- 29 अक्टूबर की रात मे होगी ।
हर्षीकेश पँचाग से सूर्योदय अनुसार लग्न सारणी
प्रदोषकाल- 17:05 से 19:30 तक
तुला लग्न - सुबह -07:47 तक
वृश्चिक लग्न- 07:47 से 10 :04 तक
धनु लग्न- सुबह 10:04 से 12:10 तक
मकर - दोपहर -12:10 से 01:57 तक
कुंभ लग्न - दोपहर वाद - 1:57 से 3:28 तक
मीन - दोपहर - 3:28 से 4:56 तक
मेष लग्न - शाम 4:56 से 6 :35 तक
वृष लग्न - शाम 6:33 से 08 :30 तक
मिथुन लग्न - रात - 8 :30 से 10 : 43 तक
कर्क लग्न - रात - 10 :43 से 01:03 तक
सिंह लग्न - रात्रिकाल 01: 03 से 03:15 तक
नोट ,,,,,,,,,,वृषभ और सिंह लग्न स्थाई लग्न मे लक्ष्मी कही पूजा शुभ मानी जाती है
नोट ,,,,वृषभ और सिंह लग्न स्थाई लग्न मे लक्ष्मी कही पूजा शुभ मानी जाती है
सर्वोत्तम समय
यह समय सबसे उत्तम बताया गया है।जिसमे प्रदोष काल वृषलग्न भी रहेगा। समय 6 :33 से 8:30 तक!!
,,,,,,,,,,,Astrologer Gyanchand Bundiwal M. 0 8275555557
महानिशा काल महूर्त
महानिशा काल = रात 11:03 से ,,12 :47 मिनट तक
सिंह लग्न - रात 1:03 से रात 03 :15 तक