Saturday, 1 October 2016

श्री पद्मावति माता नाम मंत्र १०८ ,, ॐ पद्मावती पदम्नेत्रे पद्मासने लक्ष्मीदायिनी वांछापुरिनी रिद्धिम सिद्धिम जयम जयम जयम कुरु कुरु नमः

ॐ ह्रीँ श्रीं क्लीँ ऐँ श्री पदमावती दैव्यै नमः ।। ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं श्री पद्मावती देव्यै नमः ।।
ॐ पद्मावती पदम्नेत्रे पद्मासने लक्ष्मीदायिनी वांछापुरिनी रिद्धिम सिद्धिम जयम जयम जयम कुरु कुरु नमः| "
१०८ श्री पद्मावति माता नाम मंत्र

(1)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री महादेव्यै पद्मावत्यै स्वाहा ।।
(2)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री कल्याण्यै प द्मावत्यै स्वाहा ।।
(3)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री भुवनेश्वर्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(4)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री चंड्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(5)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री कात्यायन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(6)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री गौर्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(7)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री जिनधर्मपरायण्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(8)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री पंचब्रह्मपदाराध्यायै पद्मावत्यै स्वाहा
(9)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री पंचमंत्रोपदेशिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(10)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री पंचव्रतगुणोपेतायै पद्मावत्यै स्वाहा
(11)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री पंचकल्याणदर्शिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(12)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री श्रियै पद्मावत्यै स्वाहा
(13)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री तोतलायै पद्मावत्यै स्वाहा
(14)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री नित्यायै पद्मावत्यै स्वाहा ।।
(15)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री त्रिपुरायै पद्मावत्यै स्वाहा
(16)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री काम्यसाधिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(17)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री मदनोन्मालिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(18)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री विद्यायै पद्मावत्यै स्वाहा
(19)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री महालक्ष्म्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(20) ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सरस्वत्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(21)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सारस्वतगणाधीशायै पद्मावत्यै स्वाहा
(22)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सर्वसास्त्रोपदेशिन्यै पद्मावत्यैस्वाहा
(23)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सर्वेश्वर्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(24)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री महादुर्गायै पद्मावत्यै स्वाहा
(25)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री त्रिनैत्रायै पद्मावत्यै स्वाहा
(26)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री फणिशेखर्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(27)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री जटाबालेन्दुमुकुटायै पद्मावत्यै स्वाहा
(28)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री कुक्कुटोरगवाहिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(29)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री चतुर्मुख्यै पद्मावत्यै स्वाहा ।।
(30)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री महायसायै पद्मावत्यै स्वाहा
(31)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री धनदेव्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(32)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री गुह्येश्वर्यै पद्मावत्यै स्वाहा ।।
(33)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री नागराज महापत्न्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(34)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री नागिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(35)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री नागदेवतायै पद्मावत्यै स्वाहा
(36)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सिद्धान्त सम्पन्नायै पद्मावत्यै स्वाहा
(37)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री द्वादशांगपरायण्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(38)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री चर्तुदशमहा विद्यायै पद्मावत्यै स्वाहा
(39)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री अवधिज्ञानलोचनायै
पद्मावत्यै स्वाहा
(40)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री वासन्त्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(41)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री वनदेव्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(42)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री वनमालायै पद्मावत्यै स्वाहा
(43)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री महेश्वर्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(45)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री महाधोरायै पद्मावत्यै स्वाहा
(46)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री महारौद्रायै पद्मावत्यै स्वाहा
(47)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री वीतभीतायै पद्मावत्यै स्वाहा
(48)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री अभयंकर्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(49)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री कंकाल्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(50)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री कालरायै पद्मावत्यै स्वाहा
(51)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री गंगायै पद्मावत्यै स्वाहा
(52)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री गान्धर्वनायक्यै पद्मावत्यै
स्वाहा
(53)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सम्यग्दर्शनसंपन्नायै पद्मावत्यै स्वाहा
(54)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सम्यग्ज्ञानपरायण्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(55)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सम्यक्चारित्रसं
पन्नायै पद्मावत्यै स्वाहा
(56)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री नराणामुपकारिण्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(57)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री अगण्यपुण्यसंपन्नायै पद्मावत्यै स्वाहा
(58)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री गणन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(59)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री गणनायक्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(60)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री पातालवासिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(61)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री पद्मायै पद्मावत्यै स्वाहा
(62)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री पद्मास्यायै पद्मावत्यै स्वाहा
(63)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री पद्मलोचनायै पद्मावत्यै स्वाहा
(64)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री प्रज्ञप्त्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(65)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री रोहिण्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(66)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री जम्भायै पद्मावत्यै स्वाहा
(67)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री स्तम्भिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(67)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री मोहिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(68)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री जयायै पद्मावत्यै स्वाहा
(69)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री योगिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(70)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री योगविज्ञान्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(71)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री मृत्युदारिद्यभंजिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(72)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री क्षमायै पद्मावत्यै स्वाहा
(73)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री संपन्नधरण्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(74)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सर्वपापनिवारिण्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(75)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री ज्वालामुख्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(76)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री महाज्वालामालिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(77)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री वज्रशृंखलायै पद्मावत्यै स्वाहा
(78)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री नागपाशधरायै पद्मावत्यै स्वाहा
(79)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री धैर्यायै पद्मावत्यै स्वाहा
(80)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री श्रेणीतानफलान्वितायै
पद्मावत्यै स्वाहा
(81)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री हस्तायै पद्मावत्यै स्वाहा
(82)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री प्रशस्तायै पद्मावत्यै स्वाहा
(83)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री विद्यार्यायै पद्मावत्यै स्वाहा
(84)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री हस्तिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(85)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री हस्तिवाहिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(86)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री वसन्तलक्ष्म्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(87)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री गीर्वाण्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(88)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सर्वाण्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(89)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री पद्मविष्टरायै पद्मावत्यै
स्वाहा
(90)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री बालार्कवर्णसंकाशायै
पद्मावत्यै स्वाहा
(91)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री शृंगाररसनायक्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(92)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री अनेकान्तात्मतत्त्वज्ञायै
पद्मावत्यै स्वाहा
(93)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री चिंतितार्थफलप्रदायै
पद्मावत्यै स्वाहा
(94)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री चिंतामण्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(95)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री कृपापूर्णायै पद्मावत्यै स्वाहा
(96)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री पापारंभविमोचिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(97)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री कल्पवल्लीसमाकारायै
पद्मावत्यै स्वाहा
(98)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री कामधेनवे पद्मावत्यै स्वाहा
(99)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री शुभंकर्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(100)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सद्धर्मवत्सलायै पद्मावत्यै स्वाहा
(101)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सर्वायै पद्मावत्यै स्वाहा
(102)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सद्धर्मोत्सववर्द्धिन्यै
पद्मावत्यै स्वाहा
(103)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सर्वपापोपशमन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(104)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सर्वरोगनिवारिण्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(105)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री गंभिरायै पद्मावत्यै स्वाहा
(106)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री मोहिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
(107)
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सिद्धायै पद्मावत्यै स्वाहा
(108 )
ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री सेफालितरुवासिन्यै पद्मावत्यै स्वाहा
108 नाम मन्त्र
का पाठ करने के बाद
27 बार यह मन्त्र जपना
ॐ नमो भगवति ! त्रिभुवनवशंकरी सर्वभरणभूषिते पद्मनयने ! पद्मिनी पद्मप्रभे ! पद्मकोशिनी ! पद्महस्ते!श्रीँ ह्रीं कुरु कुरु , मम ह्रदयकार्यं कुरु कुरु , मम सर्वशांतिं कुरु कुरु मम सर्वराज्यवश्यं कुरु कुरु, सर्वलोकवश्यं कुरु कुरु, मम सर्व स्त्री वश्यं कुरु कुरु, मम सर्व भूत पिशाच प्रेतरोषं हर हर सर्वरोगान् छिंद छिंद, सर्वविघ्नान् भिन्द भिन्द, सर्वविषं छिंद छिंद, सर्व कुमृगं छिंद छिंद ,सर्व शाकिनी छिंद छिंद,
श्री पार्श्वजिनपदाम्भोज युगाय नमः ॐ ह्राँ ह्रीँ ह्रूँ ह्रों ह्र:श्री पार्श्वनाथाय स्वाहा सर्वजन-राज्य स्त्रीपुरुष-वश्यं सर्व सर्व ॐ आं क्रों ह्रीं ऐं क्लीं ह्रीं देवी ! पद्मावती ! त्रिपुर-कामसाधिनी दुर्जन-मति-विनाशिनी त्रैलोक्य क्षोभिनी श्री पार्श्वनाथोप्सर्ग-हारिणी क्लीं क्लूं मम दुष्टान् हन हन ,
मम सर्वकार्याणि साधय साधय हुं फट स्वाहा ।
ॐ आं क्रों ह्रीं क्लीं हूं हसौं पद्मे ! देवी ! मम सर्व-जगद्वशं कुरु कुरु सर्व विघ्नान् नाशय नाशय पुरक्षोभं कुरु कुरु ह्रीँ संवौषट् स्वाहा
ॐ आं क्रों हौं द्रां द्रीं क्लीं ब्लूं सः हम्ल्वंयूं पद्मावती सर्वपुरजनान् क्षोभय क्षोभय मम पादयोः पातय पातय आकर्षिणी ह्रीं नमः
ॐ आँ क्रों ह्रीं अर्हं मम पापं फट् फट् दह दह हन हन पच पच पाचय पाचय हं ब्भं ब्भां क्ष्वीं हंसः ब्भं वंह्य वंह्य क्षां क्षीं क्षूं क्षें क्षैं क्षौं क्षं क्षः क्षिं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रें ह्रौं ह्रं ह्रः हिः हिः हिं द्रां द्रीं द्रावय द्रावय नामोर्हते भगवते श्रीमते ठः ठः मम श्रीरस्तु , पुष्टिरस्तु, कल्याणंस्तु स्वाहा... .

देवी पद्मावती आरती तुमारी, मंगलकारी जय जय कारी….देवी…१

पार्श्व प्रभु छे शिरपर ताहरे, भक्ति करंतां तुं भक्तोने तारे….देवी..२

उज्जवल वर्णी मूत्ति शुं सोहे, नीरखी हरखी सहु जन मोहे…..देवी..३

कुर्कुट सर्पना वाहने बेठी, भद्रासनथी तुं शोभे छे रुडी……देवी..४

सप्तफणा शोभे मनोहारी, नयन मनोहर परिकरधारी…..देवी…५

कमल पाशांकुश फळ रुडुं संगे, चार भुजामां कलामय अंगे..देवी…६

विविध स्वरुपे भिन्न भिन्न नामे, जगपूजे सहु सिद्धि कामे….देवी…७

शीघ्रफळा तुं संकट टाळे, विघ्न विदारे वांछित आले…..देवी…..८

धरणेन्द्र देवनां देवी छो न्यारा, पार्श्वभक्तोना दुःख हरनारा…देवी….९

……..नगरे …….तीर्थे, दर्शन करतां दुःख सहु विसरे……देवी…१०

धर्म प्रतापे आशीष देजो, सुयश सिद्धिने मंगल करजो…..देवी…११
Astrologer Gyanchand Bundiwal M. 0 8275555557.

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