पीपल और शनि,,
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ॐ प्राम प्रीम प्रौम सः शनये नमःॐ खां खीं खों सः शनये नमः,https://goo.gl/maps/N9irC7JL1Noar9Kt5।,,,,,,,,,,,Astrologer Gyanchand Bundiwal M. 0 8275555557,धर्मशास्त्रों में वर्णन है कि पीपल पूजा केवल शनिवार को ही करनी चाहिए। शनिवार को पीपल पर जल व तेल चढाना, दीप जलाना, पूजा करना या परिक्रमा लगाना अति शुभ होता है। पुराणों में आई कथाओं के अनुसार ऎसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय लक्ष्मीजी से पूर्व उनकी बडी बहन, अलक्ष्मी (ज्येष्ठा या दरिद्रा) उत्पन्न हुई, तत्पश्चात् लक्ष्मीजी।लक्ष्मीजी ने श्रीविष्णु का वरण कर लिया। इससे ज्येष्ठा नाराज हो गई। तब श्रीविष्णु ने उन अलक्ष्मी को अपने प्रिय वृक्ष और वास स्थान पीपल के वृक्ष में रहने का ओदश दिया और कहा कि यहाँ तुम आराधना करो। मैं समय-समय पर तुमसे मिलने आता रहूँगा एवं लक्ष्मीजी ने भी कहा कि मैं प्रत्येक शनिवार तुमसे मिलने पीपल वृक्ष पर आया करूँगी।
शनिवार को श्रीविष्णु और लक्ष्मीजी पीपल वृक्ष के तने में निवास करते हैं। इसलिए शनिवार को पीपल वृक्ष की पूजा, दीपदान, जल व तेल चढाने और परिक्रमा लगाने से पुण्य की प्राप्त होती है और लक्ष्मी नारायण भगवान व शनिदेव की प्रसन्नता होती है जिससे कष्ट कम होते हैं और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
श्री शनि - भार्या स्त्रोत :=ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलह-प्रिया,कलही कंटकी चापि अजा महिषी तुरंगमा !,,,,,नामानि शनि-भार्यायाः नित्यम जपति यः पुमान ,तस्य दुखानी नश्यन्ति सुखं सौभाग्यमेधते !! ---जो आदमी
शनि पत्नी के नामों का जप करता है उसके दुःख नष्ट होते हैं और सुख ,
सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है !!!
1 = " ॐ खां खीं खों सः शनये नमः " = 23000 जाप - नीले फुल ओर चन्दन से शनिदेव की पूजा - तेल का दीपक = पाइए = आकस्मिक संकट ओर दुर्भाग...्य से मुक्ति =
2 = " ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनेश्चराय नमः " = 11 माला जाप प्रत्येक शनिवार = पाइए - कुष्ठ रोग से मुक्ति =
3 = जो लोग हमेशा उदास रहते है - चिडचिडे होते है - गंदे रहते है - उनको जीवन में बदलाव के लिए - गुलाबी ओर कभी - कभी लाल रंग के कपड़ो का उपयोग करना चाहिए =
4 = " ॐ शं शनेश्चराय नमः " = प्रत्येक शनिवार 5 माला जाप = पाइए कमर दर्द से मुक्ति =
5 = कमर दर्द से मुक्ति हेतु धारण करिए - " कटेला ( कटहला ) " रत्न - किन्तु ज्योतिष सलाह से =
6 = अगर आपकी जन्मकुंडली में - दुर्घटना योग - आकस्मिक संकट योग - शारीरिक पीड़ा योग बना हुआ है - तो 11 शनिवार लगातार 11 - 11 पीस सरसों तेल की भजिया ( पकोड़ी ) अपने शरीर से 9 बार उसारकर कौओ को खाने के लिए डाल देवे =
7 = श्री शनिदेव को ऐसे ब्यक्तियो से सख्त नफरत है - जो शराब पीता हो ओर पर स्त्री गमन करता हो - अतः इन आदतों से दूर रहे
शनि देव के सामान्य मन्त्र ॐ शं शनैश्चराय नमः शनि देव के बीज मन्त्र ॐ प्राम प्रीम प्रौम सः शनये नमः
!!! Astrologer Gyanchand Bundiwal. Nagpur । M.8275555557 !!!
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ॐ प्राम प्रीम प्रौम सः शनये नमःॐ खां खीं खों सः शनये नमः,https://goo.gl/maps/N9irC7JL1Noar9Kt5।,,,,,,,,,,,Astrologer Gyanchand Bundiwal M. 0 8275555557,धर्मशास्त्रों में वर्णन है कि पीपल पूजा केवल शनिवार को ही करनी चाहिए। शनिवार को पीपल पर जल व तेल चढाना, दीप जलाना, पूजा करना या परिक्रमा लगाना अति शुभ होता है। पुराणों में आई कथाओं के अनुसार ऎसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय लक्ष्मीजी से पूर्व उनकी बडी बहन, अलक्ष्मी (ज्येष्ठा या दरिद्रा) उत्पन्न हुई, तत्पश्चात् लक्ष्मीजी।लक्ष्मीजी ने श्रीविष्णु का वरण कर लिया। इससे ज्येष्ठा नाराज हो गई। तब श्रीविष्णु ने उन अलक्ष्मी को अपने प्रिय वृक्ष और वास स्थान पीपल के वृक्ष में रहने का ओदश दिया और कहा कि यहाँ तुम आराधना करो। मैं समय-समय पर तुमसे मिलने आता रहूँगा एवं लक्ष्मीजी ने भी कहा कि मैं प्रत्येक शनिवार तुमसे मिलने पीपल वृक्ष पर आया करूँगी।
शनिवार को श्रीविष्णु और लक्ष्मीजी पीपल वृक्ष के तने में निवास करते हैं। इसलिए शनिवार को पीपल वृक्ष की पूजा, दीपदान, जल व तेल चढाने और परिक्रमा लगाने से पुण्य की प्राप्त होती है और लक्ष्मी नारायण भगवान व शनिदेव की प्रसन्नता होती है जिससे कष्ट कम होते हैं और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
श्री शनि - भार्या स्त्रोत :=ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलह-प्रिया,कलही कंटकी चापि अजा महिषी तुरंगमा !,,,,,नामानि शनि-भार्यायाः नित्यम जपति यः पुमान ,तस्य दुखानी नश्यन्ति सुखं सौभाग्यमेधते !! ---जो आदमी
शनि पत्नी के नामों का जप करता है उसके दुःख नष्ट होते हैं और सुख ,
सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है !!!
1 = " ॐ खां खीं खों सः शनये नमः " = 23000 जाप - नीले फुल ओर चन्दन से शनिदेव की पूजा - तेल का दीपक = पाइए = आकस्मिक संकट ओर दुर्भाग...्य से मुक्ति =
2 = " ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनेश्चराय नमः " = 11 माला जाप प्रत्येक शनिवार = पाइए - कुष्ठ रोग से मुक्ति =
3 = जो लोग हमेशा उदास रहते है - चिडचिडे होते है - गंदे रहते है - उनको जीवन में बदलाव के लिए - गुलाबी ओर कभी - कभी लाल रंग के कपड़ो का उपयोग करना चाहिए =
4 = " ॐ शं शनेश्चराय नमः " = प्रत्येक शनिवार 5 माला जाप = पाइए कमर दर्द से मुक्ति =
5 = कमर दर्द से मुक्ति हेतु धारण करिए - " कटेला ( कटहला ) " रत्न - किन्तु ज्योतिष सलाह से =
6 = अगर आपकी जन्मकुंडली में - दुर्घटना योग - आकस्मिक संकट योग - शारीरिक पीड़ा योग बना हुआ है - तो 11 शनिवार लगातार 11 - 11 पीस सरसों तेल की भजिया ( पकोड़ी ) अपने शरीर से 9 बार उसारकर कौओ को खाने के लिए डाल देवे =
7 = श्री शनिदेव को ऐसे ब्यक्तियो से सख्त नफरत है - जो शराब पीता हो ओर पर स्त्री गमन करता हो - अतः इन आदतों से दूर रहे
शनि देव के सामान्य मन्त्र ॐ शं शनैश्चराय नमः शनि देव के बीज मन्त्र ॐ प्राम प्रीम प्रौम सः शनये नमः
शनि देव के गायत्री मन्त्र ॐ भूर्भुवः स्वः शन्नो देविर्भिष्टाय विद्महे नीलान्जनाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात
शनि देव के वैदिक मन्त्र ॐ शन्नो देविर्भिष्टाय आपोभवन्तु पीतये शंयोर भिश्रवन्तु नः
शनि देव के पौराणिक मन्त्र :
ॐ नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम छायामार्तण्ड संभूतं तं नमामि शनैश्चरं
शनि देव के ध्यान मन्त्र
इन्द्र्नीलद्युतिः शूली वरदो गृध्र वाहनः ! बाण -बाणा-संधर :कर्ताव्योअर्क-सुतस्त्था