सूर्य गग्रहण रविवार 21 जून 2020 प्रारम्भ काल 10,18,
परमग्रास ,12,01,ग्रहण समाप्ति काल ,13,51 खण्डग्रास की अवधि ,03,33 मिनट्स https://goo.gl/maps/N9irC7JL1Noar9Kt5
अधिकतम परिमाण ,0.71
सूतक प्रारम्भ 21,38, 20, जून को
सूतक समाप्त ,13,50 ,21 जून,को
बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक प्रारम्भ ,05,29
बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक समाप्त ,13,50
मंत्र जाप भी मन ही मन में करना चाहिए। मान्यता है कि ग्रहण काल में किए गए मंत्र जाप का फल जल्दी मिल सकता है। ग्रहण पूर्ण होने के बाद स्नान करें और स्नान के बाद जरूरतमंद लोगों धन-अनाज का दान करें। इस समय में किए गए शुभ कर्म अक्षय पुण्य प्रदान करते हैं।
इन मंत्रों का कर सकते हैं जाप
ग्रहण के समय में महामृत्युंजय मंत्र ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्, शिव मंत्र ऊँ नम: शिवाय, श्रीकृष्ण के मंत्र कृं कृष्णाय नम:, श्रीराम के मंत्र रां रामाय नम:, गणेशजी के मंत्र श्री गणेशाय नम:, दुर्गा मंत्र दुं दुर्गाय नम:, सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम:, चंद्र मंत्र सों सोमाय नम:, हनुमान मंत्र ऊँ रामदूताय नम:, विष्णु मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप कर सकते हैं।
सभी 12 राशियों पर सूर्य ग्रहण का असर
मेष, सिंह, कन्या, कुंभ राशि के लिए सूर्य ग्रहण शुभ फल देने की स्थिति में रहेगा। इन लोगों को भाग्य का साथ मिल सकता है। वृष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन राशि के लोगों को सतर्क रहकर काम करना होगा। इन लोगों के लिए बाधाएं बढ़ सकती हैं।
सूर्य ग्रहण यहां से देखा जा सकेगा
21 जून को पड़ने वाले इस वार्षिक सूर्य ग्रहण को अफ्रीका के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा. अफ्रीका में ये सेंट्रल रिपब्लिक, कांगो और इथोपिया में देखा जा सकेगा. इसके अतिरिक्त यह सूर्य ग्रहण पाकिस्तान के दक्षिण भाग में, उत्तरी भारत और चीन में देखा जा सकेगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान इन बातों का ध्यान रखें
जब भी सूर्य ग्रहण लगे तो इसे सीधे यानी कि नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. ऐसा करने से सूर्य से निकलने वाले हानिकारक किरणें आपकी आंखों को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं. यदि कोई भी व्यक्ति सूर्य ग्रहण देखना चाहता हैं तो सोलर फिल्टर वाले चश्मों का इस्तेमाल करना चाहिए. इनसे सूर्य की हानिकारक किरणें आंखों को नुकसान नहीं पहुंचा पाती हैं.
सूर्य ग्रहण कब होता है?
सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है. इस समयावधि में, चंद्रमा सूर्य की रोशनी को पृथ्वी पर आने से रोकता है और चंद्रमा की पृथ्वी पर जो छाया पड़ती है उसे ही ‘सूर्य ग्रहण’ कहा जाता है.
सूर्य ग्रहण के प्रकार
सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं. ये पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण है. इस बार पूर्ण सूर्य ग्रहण लग रहा है.
पूर्ण सूर्य ग्रहण उस समय होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी के काफ़ी पास रहते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी को अपनी छाया क्षेत्र में ले लेता है. इससे सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाती है.
आंशिक सूर्यग्रहण में चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में इस तरह आता है कि सूर्य का कुछ ही भाग पृथ्वी से दिखाई नहीं देता है. इसका मतलब है कि चंद्रमा सूर्य के कुछ भाग को ही अपनी छाया में ले पाता है और इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहते हैं.
वलयाकार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चन्द्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में तो आता है लेकिन उसकी पृथ्वी से काफी दूरी होती है. चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को नहीं ढक पाता है एवं सूर्य की बाहरी परत ही प्रकाशित होती है जोकि वलय (रिंग) के रूप में दिखाई पड़ती है. इसे ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं.
जन्मांक 1 (1, 10, 19 एवं 28 तारीख को जन्में व्यक्ति)
जन्मांक 1 वालों के लिए यह सूर्य ग्रहण उनके धन के आय को बढ़ाएगा. सूर्य ग्रहण के प्रभाव से आय के नए अवसर बनेंगे. किसी जॉब के लिए किए जा रहे प्रयास में सफलता मिलेगी. आपकी स्थिति समाज में मजबूत होगी. लोगों में लोकप्रियता बढ़ेगी.
जन्मांक 2 ( 2, 11, 20 एवं 29 तारीख को जन्में व्यक्ति)
जन्मांक 2 वालों के लिए यह सलाह है की निवेश सोच समझ कर करें. पैसे की अचानक जरूरत पड़ सकती है. स्वास्थ्य पर ध्यान दें. किसी प्रकार की यात्रा यदि करनी हो तो पूरी सावधानी बरतें. बैंक से लोन आदि सोच समझ कर ही लें. खर्चे बढ़ेंगे. अतः कोई भी काम सोच समझकर करें.
जन्मांक 3 (3, 12, 21 एवं 30 तारीख को जन्में व्यक्ति)
आपको कार्यस्थल पर नयी जिम्मेदारी मिल सकती है. आपकी प्रसंशा होगी. कुछ पुराने मित्रों से फिर से जुड़ाव होगा. आप अपने आपको स्थापित करने में सफल होंगे. यह सूर्य ग्रहण आपको नया आयाम देगा लेकिन स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी. इस दौरान आपकी समस्या बढ़ सकती है.
जन्मांक 4 (4, 13, 22 एवं 31 तारीख को जन्में व्यक्ति)
यह सूर्य ग्रहण शुभ होगा. धन लाभ होगा. कार्यस्थल पर प्रभाव में वृद्धि होगी. जमीन जायदाद के मामले में फैसला आपके पक्ष में होगा. आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. अचानक आय के नए श्रोत सामने आएंगे. राजनीति से जुड़े लोगों का पराक्रम बढ़ेगा.
जन्मांक 5 (5, 14 एवं 23 तारीख को जन्में व्यक्ति)
आपको खर्चो में कमी करनी चाहिए. पैसे की जरूरत पर सकती है. स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें. खास कर स्वास से सम्बंधित कोई समस्या हो तो ध्यान रखें. आय में कमी हो सकती है. प्रेम सम्बन्ध में कटुता आएगी. कार्यस्थल पर वाद विवाद हो सकता है. आपको इस दौरान सतर्क रहने की जरूरत है.
जन्मांक 6 (6, 15 एवं 24 तारीख को जन्में व्यक्ति)
आपके लिए सूर्य ग्रहण का प्रभाव शुभ होगा. आने वाले समय में नए अवसर प्राप्त होंगे. कमर से ऊपर स्वास्थ्य से सम्बंधित समस्या हो सकती है. स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहने की जरूरत है. पिता का स्नेह प्राप्त होगा. कुल मिलाकर आपके लिए शुभ प्रभाव होगा.
जन्मांक 7 (7, 1 6 एवं 25 तारीख को जन्में व्यक्ति)
जन्मांक सात के लोगों को संघर्ष करना पड़ सकता है. स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें. धन की हानि हो सकती हैं अतः सोच विचार के ही पैसा लगाएं. किसी खास से मन मुटाव हो सकता है और रिश्ते टूट सकते हैं. परिवार के लोगों पर ध्यान दें और कड़वा ना बोले.
जन्मांक 8 (8, 17 एवं 26 तारीख को जन्में व्यक्ति)
सूर्य ग्रहण का प्रभाव आपके वित्तीय स्थिति पर ठीक रहेगा. इस समय स्वास्थ्य ठीक रहेगा किन्तु किसी प्रकार के दिक्कत होने पर इलाज में विलम्ब ना करें. प्रेम सम्बन्ध में कटुता आएगी और टूट भी सकती है. अतः आप धैर्य और सावधानी से काम करें. अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें.
जन्मांक 9 (9, 18 एवं 27 तारीख को जन्में व्यक्ति)
यह सूर्य ग्रहण आपको सहयोग करेगा. इसका प्रभाव आपके संतान, संवाद और पराक्रम पर पड़ेगा. संतान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. वरीय अधिकारीयों या जिन लोगों से प्रोफेशनल सम्बन्ध है उनसे संवाद बनाए रखें. आपके लिए इस ग्रहण का प्रभाव शुभ रहेगा.
15 खास बातें,,
1. ग्रहण के समय संयम रखकर जप-ध्यान करने से कई गुना फल प्राप्त होता है।
2. ग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक नरक में वास करता है।
3. ग्रहण में 3 प्रहर (9) घंटे पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। बूढ़े, बालक और रोगी डेढ़ प्रहर (4.30 घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं।
4. ग्रहण वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियां डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते। पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए।
5. ग्रहण वेध के प्रारंभ में तिल या कुशमिश्रित जल का उपयोग भी अत्यावश्यक परिस्थिति में ही करना चाहिए और ग्रहण शुरू होने से अंत तक अन्न या जल नहीं लेना चाहिए।
6. ग्रहण के स्पर्श के समय स्नान, मध्य के समय होम, देवपूजन और श्राद्ध तथा अंत में सचैल (वस्त्र सहित) स्नान करना चाहिए। स्त्रियां सिर धोए बिना भी स्नान कर सकती हैं।
7. ग्रहण पूर्ण होने पर जिसका ग्रहण हो, उसका शुद्ध बिम्ब देखकर भोजन करना चाहिए।
8. ग्रहणकाल में स्पर्श किए हुए वस्त्र आदि की शुद्धि हेतु बाद में उसे धो देना चाहिए तथा स्वयं भी वस्त्र सहित स्नान करना चाहिए।
9. ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्रदान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।
10. ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ने चाहिए, बाल तथा वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए व दंतधावन नहीं करना चाहिए।
11. ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मलमूत्र का त्याग, मैथुन और भोजन- ये सब कार्य वर्जित हैं।
12. ग्रहण के समय कोई भी शुभ व नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।
13. ग्रहण के समय गुरुमंत्र, ईष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें। न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है। ग्रहण के अवसर पर दूसरे का अन्न खाने से 12 वर्षों का एकत्र किया हुआ सब पुण्य नष्ट हो जाता है।
14 . भगवान वेदव्यासजी ने परम हितकारी वचन कहे हैं- सामान्य दिन से चंद्रग्रहण में किया गया पुण्य कर्म (जप, ध्यान, दान आदि) 1 लाख गुना और सूर्यग्रहण में 10 लाख गुना फलदायी होता है। यदि गंगाजल पास में हो तो चंद्रग्रहण में 1 करोड़ गुना और सूर्यग्रहण में 10 करोड़ गुना फलदायी होता है।
15. गर्भवती महिला को ग्रहण के समय विशेष सावधान रहना चाहिए। 3 दिन या 1 दिन उपवास करके स्नान-दानादि का ग्रहण में महाफल है किंतु संतानयुक्त गृहस्थ को ग्रहण और संक्रांति के दिन उपवास नहीं करना चाहिए ।,,,,,,,,,,,Astrologer Gyanchand Bundiwal M. 0 8275555557
परमग्रास ,12,01,ग्रहण समाप्ति काल ,13,51 खण्डग्रास की अवधि ,03,33 मिनट्स https://goo.gl/maps/N9irC7JL1Noar9Kt5
अधिकतम परिमाण ,0.71
सूतक प्रारम्भ 21,38, 20, जून को
सूतक समाप्त ,13,50 ,21 जून,को
बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक प्रारम्भ ,05,29
बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक समाप्त ,13,50
मंत्र जाप भी मन ही मन में करना चाहिए। मान्यता है कि ग्रहण काल में किए गए मंत्र जाप का फल जल्दी मिल सकता है। ग्रहण पूर्ण होने के बाद स्नान करें और स्नान के बाद जरूरतमंद लोगों धन-अनाज का दान करें। इस समय में किए गए शुभ कर्म अक्षय पुण्य प्रदान करते हैं।
इन मंत्रों का कर सकते हैं जाप
ग्रहण के समय में महामृत्युंजय मंत्र ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्, शिव मंत्र ऊँ नम: शिवाय, श्रीकृष्ण के मंत्र कृं कृष्णाय नम:, श्रीराम के मंत्र रां रामाय नम:, गणेशजी के मंत्र श्री गणेशाय नम:, दुर्गा मंत्र दुं दुर्गाय नम:, सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम:, चंद्र मंत्र सों सोमाय नम:, हनुमान मंत्र ऊँ रामदूताय नम:, विष्णु मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप कर सकते हैं।
सभी 12 राशियों पर सूर्य ग्रहण का असर
मेष, सिंह, कन्या, कुंभ राशि के लिए सूर्य ग्रहण शुभ फल देने की स्थिति में रहेगा। इन लोगों को भाग्य का साथ मिल सकता है। वृष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन राशि के लोगों को सतर्क रहकर काम करना होगा। इन लोगों के लिए बाधाएं बढ़ सकती हैं।
सूर्य ग्रहण यहां से देखा जा सकेगा
21 जून को पड़ने वाले इस वार्षिक सूर्य ग्रहण को अफ्रीका के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा. अफ्रीका में ये सेंट्रल रिपब्लिक, कांगो और इथोपिया में देखा जा सकेगा. इसके अतिरिक्त यह सूर्य ग्रहण पाकिस्तान के दक्षिण भाग में, उत्तरी भारत और चीन में देखा जा सकेगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान इन बातों का ध्यान रखें
जब भी सूर्य ग्रहण लगे तो इसे सीधे यानी कि नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. ऐसा करने से सूर्य से निकलने वाले हानिकारक किरणें आपकी आंखों को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं. यदि कोई भी व्यक्ति सूर्य ग्रहण देखना चाहता हैं तो सोलर फिल्टर वाले चश्मों का इस्तेमाल करना चाहिए. इनसे सूर्य की हानिकारक किरणें आंखों को नुकसान नहीं पहुंचा पाती हैं.
सूर्य ग्रहण कब होता है?
सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है. इस समयावधि में, चंद्रमा सूर्य की रोशनी को पृथ्वी पर आने से रोकता है और चंद्रमा की पृथ्वी पर जो छाया पड़ती है उसे ही ‘सूर्य ग्रहण’ कहा जाता है.
सूर्य ग्रहण के प्रकार
सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं. ये पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण है. इस बार पूर्ण सूर्य ग्रहण लग रहा है.
पूर्ण सूर्य ग्रहण उस समय होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी के काफ़ी पास रहते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी को अपनी छाया क्षेत्र में ले लेता है. इससे सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाती है.
आंशिक सूर्यग्रहण में चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में इस तरह आता है कि सूर्य का कुछ ही भाग पृथ्वी से दिखाई नहीं देता है. इसका मतलब है कि चंद्रमा सूर्य के कुछ भाग को ही अपनी छाया में ले पाता है और इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहते हैं.
वलयाकार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चन्द्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में तो आता है लेकिन उसकी पृथ्वी से काफी दूरी होती है. चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को नहीं ढक पाता है एवं सूर्य की बाहरी परत ही प्रकाशित होती है जोकि वलय (रिंग) के रूप में दिखाई पड़ती है. इसे ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं.
जन्मांक 1 (1, 10, 19 एवं 28 तारीख को जन्में व्यक्ति)
जन्मांक 1 वालों के लिए यह सूर्य ग्रहण उनके धन के आय को बढ़ाएगा. सूर्य ग्रहण के प्रभाव से आय के नए अवसर बनेंगे. किसी जॉब के लिए किए जा रहे प्रयास में सफलता मिलेगी. आपकी स्थिति समाज में मजबूत होगी. लोगों में लोकप्रियता बढ़ेगी.
जन्मांक 2 ( 2, 11, 20 एवं 29 तारीख को जन्में व्यक्ति)
जन्मांक 2 वालों के लिए यह सलाह है की निवेश सोच समझ कर करें. पैसे की अचानक जरूरत पड़ सकती है. स्वास्थ्य पर ध्यान दें. किसी प्रकार की यात्रा यदि करनी हो तो पूरी सावधानी बरतें. बैंक से लोन आदि सोच समझ कर ही लें. खर्चे बढ़ेंगे. अतः कोई भी काम सोच समझकर करें.
जन्मांक 3 (3, 12, 21 एवं 30 तारीख को जन्में व्यक्ति)
आपको कार्यस्थल पर नयी जिम्मेदारी मिल सकती है. आपकी प्रसंशा होगी. कुछ पुराने मित्रों से फिर से जुड़ाव होगा. आप अपने आपको स्थापित करने में सफल होंगे. यह सूर्य ग्रहण आपको नया आयाम देगा लेकिन स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी. इस दौरान आपकी समस्या बढ़ सकती है.
जन्मांक 4 (4, 13, 22 एवं 31 तारीख को जन्में व्यक्ति)
यह सूर्य ग्रहण शुभ होगा. धन लाभ होगा. कार्यस्थल पर प्रभाव में वृद्धि होगी. जमीन जायदाद के मामले में फैसला आपके पक्ष में होगा. आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. अचानक आय के नए श्रोत सामने आएंगे. राजनीति से जुड़े लोगों का पराक्रम बढ़ेगा.
जन्मांक 5 (5, 14 एवं 23 तारीख को जन्में व्यक्ति)
आपको खर्चो में कमी करनी चाहिए. पैसे की जरूरत पर सकती है. स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें. खास कर स्वास से सम्बंधित कोई समस्या हो तो ध्यान रखें. आय में कमी हो सकती है. प्रेम सम्बन्ध में कटुता आएगी. कार्यस्थल पर वाद विवाद हो सकता है. आपको इस दौरान सतर्क रहने की जरूरत है.
जन्मांक 6 (6, 15 एवं 24 तारीख को जन्में व्यक्ति)
आपके लिए सूर्य ग्रहण का प्रभाव शुभ होगा. आने वाले समय में नए अवसर प्राप्त होंगे. कमर से ऊपर स्वास्थ्य से सम्बंधित समस्या हो सकती है. स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहने की जरूरत है. पिता का स्नेह प्राप्त होगा. कुल मिलाकर आपके लिए शुभ प्रभाव होगा.
जन्मांक 7 (7, 1 6 एवं 25 तारीख को जन्में व्यक्ति)
जन्मांक सात के लोगों को संघर्ष करना पड़ सकता है. स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें. धन की हानि हो सकती हैं अतः सोच विचार के ही पैसा लगाएं. किसी खास से मन मुटाव हो सकता है और रिश्ते टूट सकते हैं. परिवार के लोगों पर ध्यान दें और कड़वा ना बोले.
जन्मांक 8 (8, 17 एवं 26 तारीख को जन्में व्यक्ति)
सूर्य ग्रहण का प्रभाव आपके वित्तीय स्थिति पर ठीक रहेगा. इस समय स्वास्थ्य ठीक रहेगा किन्तु किसी प्रकार के दिक्कत होने पर इलाज में विलम्ब ना करें. प्रेम सम्बन्ध में कटुता आएगी और टूट भी सकती है. अतः आप धैर्य और सावधानी से काम करें. अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें.
जन्मांक 9 (9, 18 एवं 27 तारीख को जन्में व्यक्ति)
यह सूर्य ग्रहण आपको सहयोग करेगा. इसका प्रभाव आपके संतान, संवाद और पराक्रम पर पड़ेगा. संतान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. वरीय अधिकारीयों या जिन लोगों से प्रोफेशनल सम्बन्ध है उनसे संवाद बनाए रखें. आपके लिए इस ग्रहण का प्रभाव शुभ रहेगा.
15 खास बातें,,
1. ग्रहण के समय संयम रखकर जप-ध्यान करने से कई गुना फल प्राप्त होता है।
2. ग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक नरक में वास करता है।
3. ग्रहण में 3 प्रहर (9) घंटे पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। बूढ़े, बालक और रोगी डेढ़ प्रहर (4.30 घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं।
4. ग्रहण वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियां डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते। पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए।
5. ग्रहण वेध के प्रारंभ में तिल या कुशमिश्रित जल का उपयोग भी अत्यावश्यक परिस्थिति में ही करना चाहिए और ग्रहण शुरू होने से अंत तक अन्न या जल नहीं लेना चाहिए।
6. ग्रहण के स्पर्श के समय स्नान, मध्य के समय होम, देवपूजन और श्राद्ध तथा अंत में सचैल (वस्त्र सहित) स्नान करना चाहिए। स्त्रियां सिर धोए बिना भी स्नान कर सकती हैं।
7. ग्रहण पूर्ण होने पर जिसका ग्रहण हो, उसका शुद्ध बिम्ब देखकर भोजन करना चाहिए।
8. ग्रहणकाल में स्पर्श किए हुए वस्त्र आदि की शुद्धि हेतु बाद में उसे धो देना चाहिए तथा स्वयं भी वस्त्र सहित स्नान करना चाहिए।
9. ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्रदान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।
10. ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ने चाहिए, बाल तथा वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए व दंतधावन नहीं करना चाहिए।
11. ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मलमूत्र का त्याग, मैथुन और भोजन- ये सब कार्य वर्जित हैं।
12. ग्रहण के समय कोई भी शुभ व नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।
13. ग्रहण के समय गुरुमंत्र, ईष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें। न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है। ग्रहण के अवसर पर दूसरे का अन्न खाने से 12 वर्षों का एकत्र किया हुआ सब पुण्य नष्ट हो जाता है।
14 . भगवान वेदव्यासजी ने परम हितकारी वचन कहे हैं- सामान्य दिन से चंद्रग्रहण में किया गया पुण्य कर्म (जप, ध्यान, दान आदि) 1 लाख गुना और सूर्यग्रहण में 10 लाख गुना फलदायी होता है। यदि गंगाजल पास में हो तो चंद्रग्रहण में 1 करोड़ गुना और सूर्यग्रहण में 10 करोड़ गुना फलदायी होता है।
15. गर्भवती महिला को ग्रहण के समय विशेष सावधान रहना चाहिए। 3 दिन या 1 दिन उपवास करके स्नान-दानादि का ग्रहण में महाफल है किंतु संतानयुक्त गृहस्थ को ग्रहण और संक्रांति के दिन उपवास नहीं करना चाहिए ।,,,,,,,,,,,Astrologer Gyanchand Bundiwal M. 0 8275555557