श्री त्रिपुरसुन्दरी सुप्रभातम्
श्रीसेव्य-पादकमले श्रित-चन्द्र-मौले
श्रीचन्द्रशेखर-यतीश्वर-पूज्यमाने।
श्रीखण्ड-कन्दुककृत-स्व-शिरोवतंसे
श्रीमन्महात्रिपुरसुन्दरि सुप्रभातम् ॥ १॥https://goo.gl/maps/N9irC7JL1Noar9Kt5।,,,,,,,,,,,Astrologer Gyanchand Bundiwal M. 0 8275555557
उत्तिष्ठ तुङ्ग-कुलपर्वत\-राज-कन्ये उत्तिष्ठ
भक्त-जन-दुःख-विनाश-दक्षे ।
उत्तिष्ठ सर्व-जगती-जननि प्रसन्ने उत्तिष्ठ हे त्रिपुरसुन्दरि
सुप्रभातम् ॥ २॥
उत्तिष्ठ राजत-गिरि-द्विषतो रथात् त्वं उत्तिष्ठ
रत्न-खचितत् ज्वलिताच्च पीठात्।
उत्तिष्ठ बन्धन-सुखं परिधूय शंभोः उत्तिष्ठ
विघ्नित-तिरस्करिणीं विपाट्य ॥ ३॥
यत्पृष्ठभागमवलम्ब्य विभाति लक्ष्मीः
यस्या वसन्ति निखिला अमराश्च देहे ।
स्नात्वा विशुद्धहृदया कपिला सवत्सा
सिद्धा प्रदर्शयितुमिह नस्तव विश्वरूपम् ॥ ४॥
आकर्ण्यतेऽद्य मदमत्त-गजेन्द्रनादः
त्वं बोध्यसे प्रतिदिनं मधुरेण येन ।
भूपालरागमुखरा मुखवाद्यवीणा
भेरीध्वनिश्च कुरुते भवतीं प्रबुद्धाम् ॥ ५॥
त्वां सेवितुं विविध-रत्न-सुवर्ण-रूप्य-
खाद्यम्बरैः कुसुम-पत्र-फलैश्च भक्ताः ।
श्रद्धान्विताः जननि विस्मृत-गृह्य-बन्धाः
आयान्ति भारत-निवासि-जनाः सवेगम् ॥ ६॥
जीवातवः सुकृतिनः श्रुतिरूपमातुः
विप्राः प्रसन्न-मनसो जपितार्क-मन्त्राः ।
श्रीसूक्त-रुद्र-चमकाद्यवधारणाय
सिद्धाः महेश-दयिते तव सुप्रभातम् ॥ ७॥
फालप्रकासि-तिलकाङ्क-सुवासिनीनां
कर्पूर-भद्र-शिखया तव दृष्टि-दोषम् ।
गोष्ठी विभाति परिहर्तुमनन्यभावा
हे देवि पङ्क्तिश इयं तव सुप्रभातम् ॥ ८॥
उग्रः सहस्र-किरणोऽपि करं समर्प्य त्वत्तेजसः पुरत एष
विलज्जितः सन् ।
रक्तस्तनावुदयमेत्यगपृष्ठलीनः पद्मं त्वदास्यसहजं कुरुते
प्रसन्नम् ॥ ९॥
नृत्यन्ति बर्हनिवहं शिखिनः प्रसार्य
गायन्ति पञ्चमगतेन पिकाः स्वरेण।
आस्ते तरङ्गतति-वाद्य-मृदङ्ग-नादः
तौर्यत्रिकं शुभमकृत्रिममस्तु तुभ्यम् ॥ १०॥
संताप-पाप-हरणे त्वयि दीक्षितायां
संताप-हारि-शशि-पापहरापगाभ्याम् ।
कुत्रापि धूर्जटि-जटा-विपिने निलीनं
छिन्ना सरित् क्षयमुपैति विधुश्च वक्रः ॥ ११॥
भुक्त्वा कुचेल-पृतुकं ननु गोपबालः
आकर्ण्य ते व्यरचयत् सुहृदं कुबेरम् ।
व्याजस्य नास्ति तव रिक्त-जनादपेक्षा
निर्व्याजमेव करुणां नमते तनोषि ॥ १२॥
प्राप्नोति वृद्धिमतुलां पुरुषः कटाक्षैः द्वन्द्वी ध्रुवं
क्षयमुपैति न चात्र शङ्का।
मित्रस्तवोषसि पदं परिसेव्य वृद्धः
चन्द्रस्त्वदीय-मुखशत्रुतया विनष्टः ॥ १३॥
सृष्टि-स्थिति-प्रलय-साक्षिणि विश्व-मातः
स्वर्गापवर्ग-फल-दायनि शंभु-कान्ते ।
श्रुत्यन्तखेलिनि विपक्ष-कठोर-वज्रे भद्रे प्रसन्न-हृदये
तव सुप्रभातम् ॥ १४॥
।!!!! Astrologer Gyanchand Bundiwal. Nagpur । M.8275555557 !!!
मातः स्वरूपमनिशं हृदि पश्यतां ते
को वा न सिद्ध्यति मनश्चिर-कांक्षितार्थः ।
सिद्ध्यन्ति हन्त धरणी-धन-धान्य-धाम-
धी-धेनु-धैर्य-धृतयः सकलाः पुमार्थाः ॥ १५॥
हिन्दू धर्म के सभी देवी देवताओं की और त्योहारों की जानकारी। भगवान के मंत्र स्तोत्र तथा सहस्त्र नामावली की जानकारी ।
Latest Blog
शीतला माता की पूजा और कहानी
शीतला माता की पूजा और कहानी होली के बाद शीतला सप्तमी और शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इसे बसौड़ा पर्व भी कहा जाता है इस दिन माता श...
-
नरसिंह मंत्र उग्र वीर नृसिंह" "नरसिंह मंत्र" पुराणों में वर्णित कथाओं के अनुसार इसी पावन दिवस को भक्त प्रहलाद की रक्...
-
Chandra Gayatri Mantra चन्द्र गायत्री मंत्र :- (A) ॐ क्षीर पुत्राय विद्महे अमृततत्वाय धीमहि ! तन्नो चन्द्र: प्रचोदय...
-
मां काली मां दुर्गा का ही एक स्वरुप है। https://goo.gl/maps/N9irC7JL1Noar9Kt5 . मां दुर्गा के इस महाकाली स्वरुप को देवी के सभी रुप...
-
सूर्य मंत्र : सूर्याय नमः ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः वेदों में सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है। https://goo.gl/maps/N9irC7JL1N...
-
राहू गायत्री मंत्र:- Rahu gayatri Mantra (अ )ॐ नाकाध्वजाय विद्महे पद्माहस्ताय धीमहि ! तन्नो राहू: प्रचोदयात ! (ब)ॐ शिरोरू...
-
शारदीय नवरात्रि दुर्गा पूजा दिनांक शनिवार 17 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 10 मिनट के बाद शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करें. आश्विन घटस्थापना...
-
बाण माता जी की जय ,श्री बाण माताजी के दोहे देवी दर्शन देवीया , धन घड़ी धन भाग । https://goo.gl/maps/N9irC7JL1Noar9Kt5 ।,,,,,,,,,,,Astrol...
-
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मंगलवार, अप्रैल 13, 2021 को पहला नवरात्र, मां शैलपुत्री की पूजा, गुड़ी पड़वा, नवरात्रि आरंभ, घटस्थापना, ह...
-
श्री साबर शक्ति पाठ शाबर मन्त्र श्री ‘साबर-शक्ति-पाठ’ के रचियता ‘अनन्त-श्रीविभूषित-श्रीदिव्येश्वर योगिराज’ श्री शक्तिदत्त शिवेन्द्र...
-
शिव को चढ़ाएं। उपाय के मुताबिक शिव पूजा में तरह-तरह के फूलों को चढ़ाने से अलग-अलग तरह की इच्छाएं पूरी हो जाती है। https://goo.gl/maps/N...