ॐ
नमो भगवते वासुदेवाय शांताकरम भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं
गगनसदृशं मेघवर्णँ शुभांगम। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगभिर्ध्यानिगम्यम।
वंदे
विष्णु भवभयहरणम् सर्वलोकैकनाथम॥
जय जय नारायण नारायण हरी हरी ,
स्वामी नारायण नारायण हरी हरी
तेरी लीला सबसे न्यारी न्यारी हरी हरी
तेरी महिमा, तेरी महिमा,
तेरी महिमा सबसे प्यारी प्यारी हरी हरी
जय जय नारायणा नारायणा हरी हरी
विष्णु भवभयहरणम् सर्वलोकैकनाथम॥
जय जय नारायण नारायण हरी हरी ,
स्वामी नारायण नारायण हरी हरी
तेरी लीला सबसे न्यारी न्यारी हरी हरी
तेरी महिमा, तेरी महिमा,
तेरी महिमा सबसे प्यारी प्यारी हरी हरी
जय जय नारायणा नारायणा हरी हरी
स्वामी नारायण नारायण हरी हरी
अलख निरंजन भाव भय भंजन जन्म निरंजन दाता
हमे शरण दे अपने चरण में कर निर्भय जग त्राता
तुने लाखों की नैया तारी तारी हरी हरी
प्रभु के नाम का पारस जो छूनले , वो हो जाये सोना
दो अक्षर का शब्द हरी है लेकिन बड़ा सलोना ,
उसने संकट टाली भारी भारी हरी हरी .
अलख निरंजन भाव भय भंजन जन्म निरंजन दाता
हमे शरण दे अपने चरण में कर निर्भय जग त्राता
तुने लाखों की नैया तारी तारी हरी हरी
प्रभु के नाम का पारस जो छूनले , वो हो जाये सोना
दो अक्षर का शब्द हरी है लेकिन बड़ा सलोना ,
उसने संकट टाली भारी भारी हरी हरी .