Sunday, 2 December 2012

श्री कृष्ण गोविँद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा

श्री कृष्ण गोविँद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा 
दर्शन दो घन्श्याम
दर्शन दो घन्श्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे .. 
मंदिर मंदिर मूरत तेरी फिर भी न दीखे सूरत तेरी . 
युग बीते ना आई मिलन की पूरनमासी रे .. 
र्शन दो घन्श्याम नाथ मोरि अँखियाँ प्यासी रे ..
द्वार दया का जब तू खोले पंचम सुर में गूंगा बोले .
अंधा देखे लंगड़ा चल कर पँहुचे काशी रे ..
दर्शन दो घन्श्याम नाथ मोरि अँखियाँ प्यासी रे ..
पानी पी कर प्यास बुझाऊँ नैनन को कैसे समजाऊँ .
आँख मिचौली छोड़ो अब तो घट घट वासी रे ..
दर्शन दो घन्श्याम नाथ मोरि अँखियाँ प्यासी रे


RADHA MOHINI by VISHNU108


KRISHNA OM by VISHNU108


















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