Sunday, 27 January 2013

शिव शंकर,,,जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा



शिव शंकर,, जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा
कर्पूरगौरं करुणावतारम संसार सारं भुजगेंद्रहारं।
सदा वसन्तं हृदयार्विंदे भावं भवानी सहितं नमामि॥
जय शिव ओंकारा, भज शिव ओंकारा
ब्रह्मा, विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥ जय ॥
एकानन, चतुरानन, पंचानन राजै
हंसासन, गरुडासन, वृषवाहन साजै॥ जय ॥
दो भुज चार चतुर्भुज, दशभुज ते सोहे
तीनो रूप निरखता, त्रिभुवन-जन मोहे॥ जय ॥
अक्षमाला, वनमाला, रुण्डमालाधारी
त्रिपुरारी, कंसारी, करमाला धारी॥ जय ॥
श्वेताम्बर, पीताम्बर, बाघाम्बर अंगे
सनकादिक, गरुडादिक, भूतादिक संगे॥ जय ॥
कर मध्ये सुकमण्डलु, चक्र शूलधारी
सुखकारी, दुखहारी, जग पालनकारी॥ जय ॥
ब्रह्माविष्णु सदाशिव जानत अविवेका
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनो एका॥ जय ॥
कशी में विश्नाथ विराजत नंदी ब्रह्मचारी
नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी॥ जय ॥
त्रिगुण स्वामीजी की आरती जो कोई नर गावै
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावै॥ जय ॥

SHIVA by VISHNU108

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