Saturday 6 July 2019

पञ्च तत्वों की अधिष्ठात्री देवी है देवी भुवनेश्वरी।


पञ्च तत्वों की अधिष्ठात्री देवी है देवी भुवनेश्वरी।
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संपूर्ण ब्रह्माण्ड में व्याप्त समस्त जीवित तथा अजीवित वस्तुओं का निर्माण मूल पञ्च तत्वों से ही होता हैं। १. आकाश, २. वायु ३. पृथ्वी ४. अग्नि ५. जल ये वो मूल तत्व है जिन से समस्त दिखने वाली तत्वों न निर्माण होता हैं। देवता तथा राक्षस, वेद, प्रकृति, महासागर, पर्वत, जीव, जंतु, समस्त वनस्पति इत्यादि समस्त भौतिक जगत इन्हीं पंच-तत्वों से जुड़ा हैं। पञ्च तत्वों का निरूपण तथा रचना इन्हीं भुवनेश्वरी देवी द्वारा ही हुआ है तथा वो इस इन समस्त तत्वों की ईश्वरी या मालकिन हैं। सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के निर्वाह, पालन पोषण का दाइत्व इन्हीं देवी भुवनेश्वरी का है, सात करोड़ महा मंत्र सर्वदा इनकी आराधना करने में तत्पर रहते हैं। देवी भक्तों को समस्त प्रकार कि सिद्धियाँ तथा अभय प्रदान करती हैं। देवी ललित के नाम से भी जानी जाती हैं, परन्तु ये ललित श्री विद्या ललित नहीं हैं। भगवान शिव द्वारा दो शक्तियों का नाम ललिता रखा गया है, एक पूर्वाम्नाय तथा दूसरी ऊर्ध्वाम्नाय द्वारा। ललिता शब्द जब त्रिपुर सुंदरी के साथ होती हैं तो वो श्रीविद्या ललिता के नाम से जानी जाती है तथा जब भुवनेश्वरी के साथ होती है तो भुवनेश्वरी ललित के नाम से जनि जाती हैं। इन के भैरव सदाशिव हैं।
देवी पञ्च परमेश्वरी नाम से विख्यात हैं। (मूल पांच तत्वों की ईश्वरी)
Astrologer Gyanchand Bundiwal M. 0 8275555557.

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