मुक्तिनाथ की जय जय मुक्तिनाथ की जय
मुक्तिनाथ मंदिर नेपाल में गंडकी नदी के तट पर पोखरा नामक स्थान पर स्थित ...नमो मुक्तिनाथ जय जय मुक्तिनाथ श्री मुक्तिनाथ नमो नमो।
नमो गया जय जय गया श्री गया नमो नमो।
नमो प्रयाग जय जय प्रयाग श्री प्रयाग नमो नमो।
मुक्तिनाथ वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह तीर्थस्थान शालिग्राम भगवान के लिए प्रसिद्ध है। शालिग्राम दरअसल एक पवित्र पत्थर होता है जिसको हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है। यह मुख्य रूप से नेपाल की ओर प्रवाहित होने वाली काली गण्डकी नदी में पाया जाता है। जिस क्षेत्र में मुक्तिनाथ स्थित हैं उसको मुक्तिक्षेत्र' के नाम से जाना जाता हैं। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह वह क्षेत्र है, जहां लोगों को मुक्ति या मोक्ष प्राप्त होता है। मुक्तिनाथ की यात्रा काफी मुश्किल है। फिर भी हिंदू धर्मावलंबी बड़ी संख्या में यहां तीर्थाटन के लिए आते हैं। यात्रा के दौरान हिमालय पर्वत के एक बड़े हिस्से को लांघना होता है। यह हिंदू धर्म के दूरस्थ तीर्थस्थानों में से एक है।
मुक्तिनाथ 108 दिव्य देशों में से एक है। यह 'दिव्य देश' वैष्णवों का पवित्र मंदिर होता है। पारंपरिक रूप से विष्णु शालिग्राम शिला या शालिग्राम पत्थर के रूप में पूजे जाते हैं। इस पत्थर का निर्माण प्रागैतिहासिक काल में पाए जाने वाले कीटों के जीवाश्म से हुआ था, जो मुख्यत: टेथिस सागर में पाए जाते थे। जहां अब हिमालय पर्वत है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शालिग्राम शिला में विष्णु का निवास होता है।॥!!!! Astrologer Gyanchand Bundiwal. Nagpur । M.8275555557 !!!
मुक्तिनाथ मंदिर नेपाल में गंडकी नदी के तट पर पोखरा नामक स्थान पर स्थित ...नमो मुक्तिनाथ जय जय मुक्तिनाथ श्री मुक्तिनाथ नमो नमो।
नमो गया जय जय गया श्री गया नमो नमो।
नमो प्रयाग जय जय प्रयाग श्री प्रयाग नमो नमो।
मुक्तिनाथ वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह तीर्थस्थान शालिग्राम भगवान के लिए प्रसिद्ध है। शालिग्राम दरअसल एक पवित्र पत्थर होता है जिसको हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है। यह मुख्य रूप से नेपाल की ओर प्रवाहित होने वाली काली गण्डकी नदी में पाया जाता है। जिस क्षेत्र में मुक्तिनाथ स्थित हैं उसको मुक्तिक्षेत्र' के नाम से जाना जाता हैं। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह वह क्षेत्र है, जहां लोगों को मुक्ति या मोक्ष प्राप्त होता है। मुक्तिनाथ की यात्रा काफी मुश्किल है। फिर भी हिंदू धर्मावलंबी बड़ी संख्या में यहां तीर्थाटन के लिए आते हैं। यात्रा के दौरान हिमालय पर्वत के एक बड़े हिस्से को लांघना होता है। यह हिंदू धर्म के दूरस्थ तीर्थस्थानों में से एक है।
मुक्तिनाथ 108 दिव्य देशों में से एक है। यह 'दिव्य देश' वैष्णवों का पवित्र मंदिर होता है। पारंपरिक रूप से विष्णु शालिग्राम शिला या शालिग्राम पत्थर के रूप में पूजे जाते हैं। इस पत्थर का निर्माण प्रागैतिहासिक काल में पाए जाने वाले कीटों के जीवाश्म से हुआ था, जो मुख्यत: टेथिस सागर में पाए जाते थे। जहां अब हिमालय पर्वत है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शालिग्राम शिला में विष्णु का निवास होता है।॥!!!! Astrologer Gyanchand Bundiwal. Nagpur । M.8275555557 !!!