यमुना छठ है यानि यमुना जी का दिवस ,,
आज यमुना छठ है यानि यमुना जी
हम मथुरास्थ माथुर चतुर्वेदी यमुना पुत्र कहे जाते हैं|
आज यमुना छठ है यानि यमुना जी
हम मथुरास्थ माथुर चतुर्वेदी यमुना पुत्र कहे जाते हैं|
तो अपनी माँ यमुना महारानी के चरण कमलों में श्रद्धा सुमन
सूरज की तनया हो, यम की बहन आप,
माथुर मुनीशन की मातु हो सुहासिनी|
ब्रज की वसुंधरा कों, आपनें कृतार्थ कियो,
श्याम ज़ू की श्यामा, प्रेम पुंज की प्रकाशिनी|
चौदह भुवन माँहि आपको प्रताप, तीनों -
लोकन में आप भक्ति भाव की विकासिनी|
छूटें यम फंद, मिटें द्वंद औ अनंद होंय
आप की कृपा सों श्री यमुना कलि नासिनी |1|
मोहन की मुरली की मधुरता सी मधुर,
श्याम वर्ण, शांत चित्त वारी श्री यमुना जी|
रसिक शिरोमणि के रंग रँगी सहचरी,
सदा श्याम ज़ू कों शुभकारी श्री यमुना जी|
नटखट कन्हैया के पायन पखारिवे कों,
गिरिवर कलिंद सों पधारीं श्री यमुना जी|
सर्व सुखकारी, दुख-दर्द-कष्ट हारी, नंद-
नंदन कों प्यारी हैं हमारी श्री यमुना जी|2|
नम: कृष्ण तुर्य प्रियाम
सूरज की तनया हो, यम की बहन आप,
माथुर मुनीशन की मातु हो सुहासिनी|
ब्रज की वसुंधरा कों, आपनें कृतार्थ कियो,
श्याम ज़ू की श्यामा, प्रेम पुंज की प्रकाशिनी|
चौदह भुवन माँहि आपको प्रताप, तीनों -
लोकन में आप भक्ति भाव की विकासिनी|
छूटें यम फंद, मिटें द्वंद औ अनंद होंय
आप की कृपा सों श्री यमुना कलि नासिनी |1|
मोहन की मुरली की मधुरता सी मधुर,
श्याम वर्ण, शांत चित्त वारी श्री यमुना जी|
रसिक शिरोमणि के रंग रँगी सहचरी,
सदा श्याम ज़ू कों शुभकारी श्री यमुना जी|
नटखट कन्हैया के पायन पखारिवे कों,
गिरिवर कलिंद सों पधारीं श्री यमुना जी|
सर्व सुखकारी, दुख-दर्द-कष्ट हारी, नंद-
नंदन कों प्यारी हैं हमारी श्री यमुना जी|2|
नम: कृष्ण तुर्य प्रियाम