Sunday, 25 May 2014

वो काला एक बांसुरी वाला सुध बिसरा गया मोरी रे

वो काला एक बांसुरी वाला सुध बिसरा गया मोरी रे
सुध बिसरा गया मोरी माखन चोर वो नंदकिशोर
कर गयो रे, कर गयो मन की चोरी रे
सुध बिसरा गया मोरी
पनघट पे मोरी, बैंया मरोड़ी
मैं बोली तो मेरी मटकी फोडी
पैयां पडू करू विनती मैं पर
माने ना एक मोरी रे
सुध  .वो काला एक
छुप गयो फिर एक तान सूना के
कहाँ गयो एक बाण चला के
गोकुल ढुंढा मैंने मथुरा ढुंढी
कोई नगरिया ना छोडी रे सुध

Krishna Lullaby by VISHNU108

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