Wednesday 20 September 2017

विवाह में बाधा दूर करने के छोटे छोटे उपाय कन्या का शीघ्र विवाह करने के उपाय

विवाह में बाधा दूर करने के  छोटे छोटे उपाय कन्या का शीघ्र विवाह करने के उपाय
विवाह में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं|यदि किसी अन्य कारण से विवाह नही हो पा रहा है तो आप इन उपायों के माध्यम से लाभ उठा सकते हैं|इससे सबसे पहली बात यह है की आपकी पत्रिका में विवाह योग होना आवश्यक है|आप सर्वप्रथम किसी ज्ञानी से बारीकी से अपनी पत्रिका का अध्यन करवा लें|उनसे यह पता करें आपकी पत्रिका में विवाह योग हैं भी या नहीं|यदि है तो विवाह क्यूँ नही हो पा रहा है |अगर कोई गृह रूकावट डाल रहा है तो सर्वप्रथम उस गृह की शान्ति आवश्यक है|यदि आपकी पत्रिका के अनुसार कोई गृह ही समस्या दे रहा है,विवाह योग भी है और विवाह नहीं हो पा रहा है तो आप आगे दिए जा रहे उपाय कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं|अगर आपकी बेटी की शादी न हो रही हो, दिनो दिन विलंब हो रहा हो तो देख लें कहीं लड़की मांगलिक तो नही? अगर किसी लड़की की कुंडली में मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में होता है तो वह लड़की मांगलिक कहलाती है। ऐसी लड़कियों पर मंगल का दोष और अशुभ प्रभाव बने रहते हैं। जिसके कारण की शादी में दिनो दिन विलंब होता रहता है और उनका वैवाहिक जीवन भी परेशानियों से भरा जाता है।


जिस जातक को किसी भी कारणवश विवाह में विलम्ब हो रहा हो, तो नवरात्री में प्रतिपदा से लेकर नवमी तक ४४००० जप निम्न मन्त्र का दुर्गा जी की मूर्ति या चित्र के सम्मुख करें।
“ॐ पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम्।।”

किसी स्त्री जातिका को अगर किसी कारणवश विवाह में विलम्ब हो रहा हो, तो श्रावण कृष्ण सोमवार से या नवरात्री में गौरी-पूजन करके निम्न मन्त्र का २१००० जप करना चाहिए-
“हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी कान्त कान्तां सुदुर्लभाम।।”

किसी लड़की के विवाह मे विलम्ब होता है तो नवरात्री के प्रथम दिन शुद्ध प्रतिष्ठित कात्यायनि यन्त्र एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर स्थापित करें एवं यन्त्र का पंचोपचार से पूजन करके निम्न मन्त्र का २१००० जइ लड़की स्वयं या किसी सुयोग्य पंडित से करवा सकते हैं।


“कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नन्दगोप सुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः।।”

जन्म कुण्डली में सूर्य, शनि, मंगल, राहु एवं केतु आदि पाप ग्रहों के कारण विवाह में विलम्ब हो रहा हो, तो गौरी-शंकर रुद्राक्ष शुद्ध एवं प्राण-प्रतिष्ठित करवा कर निम्न मन्त्र का १००८ बार जप करके पीले धागे के साथ धारण करना चाहिए। गौरी-शंकर रुद्राक्ष सिर्फ जल्द विवाह ही नहीं करता बल्कि विवाहोपरान्त पति-पत्नी के बीच सुखमय स्थिति भी प्रदान करता है।
“ॐ सुभगामै च विद्महे काममालायै धीमहि तन्नो गौरी प्रचोदयात्।।”

“ॐ गौरी आवे शिव जी व्याहवे (अपना नाम) को विवाह तुरन्त सिद्ध करे, देर न करै, देर होय तो शिव जी का त्रिशूल पड़े। गुरु गोरखनाथ की दुहाई।।”
उक्त मन्त्र की ११ दिन तक लगातार १ माला रोज जप करें। दीपक और धूप जलाकर ११वें दिन एक मिट्टी के कुल्हड़ का मुंह लाल कपड़े में बांध दें। उस कुल्हड़ पर बाहर की तरफ ७ रोली की बिंदी बनाकर अपने आगे रखें और ऊपर दिये गये मन्त्र की ५ माला जप करें। चुपचाप कुल्हड़ को रात के समय किसी चौराहे पर रख आवें। पीछे मुड़कर न देखें। सारी रुकावट दूर होकर शीघ्र विवाह हो जाता है।

जिस लड़की के विवाह में बाधा हो उसे मकान के वायव्य दिशा में सोना चाहिए।
—-लड़की के पिता जब जब लड़के वाले के यहाँ विवाह वार्ता के लिए जायें तो लड़की अपनी चोटी खुली रखे। जब तक पिता लौटकर घर न आ जाए तब तक चोटी नहीं बाँधनी चाहिए।

लड़की गुरुवार को अपने तकिए के नीचे हल्दी की गांठ पीले वस्त्र में लपेट कर रखे।

पीपल की जड़ में लगातार १३ दिन लड़की या लड़का जल चढ़ाए तो शादी की रुकावट दूर हो जाती है।

विवाह में अप्रत्याशित विलम्ब हो और जातिकाएँ अपने अहं के कारण अनेल युवकों की स्वीकृति के बाद भी उन्हें अस्वीकार करती रहें तो उसे निम्न मन्त्र का १०८ बार जप प्रत्येक दिन किसी शुभ मुहूर्त्त से प्रारम्भ करके करना चाहिए।
“सिन्दूरपत्रं रजिकामदेहं दिव्ताम्बरं सिन्धुसमोहितांगम् सान्ध्यारुणं धनुः पंकजपुष्पबाणं पंचायुधं भुवन मोहन मोक्षणार्थम क्लैं मन्यथाम।
महाविष्णुस्वरुपाय महाविष्णु पुत्राय महापुरुषाय पतिसुखं मे शीघ्रं देहि देहि।।”

किसी भी लड़के या लड़की को विवाह में बाधा आ रही हो यो विघ्नकर्ता गणेशजी की उपासना किसी भी चतुर्थी से प्रारम्भ करके अगले चतुर्थी तक एक मास करना चाहिए। इसके लिए स्फटिक, पारद या पीतल से बने गणेशजी की मूर्ति प्राण-प्रतिष्टित, कांसा की थाली में पश्चिमाभिमुख स्थापित करके स्वयं पूर्व की ओर मुँह करके जल, चन्दन, अक्षत, फूल, दूर्वा, धूप, दीप, नैवेद्य से पूजा करके १०८ बार “ॐ गं गणेशाय नमः” मन्त्र पढ़ते हुए गणेश जी पर १०८ दूर्वा चढ़ायें एवं नैवेद्य में मोतीचूर के दो लड्डू चढ़ायें। पूजा के बाद लड्डू बच्चों में बांट दें।
यह प्रयोग एक मास करना चाहिए। गणेशजी पर चढ़ये गये दूर्वा लड़की के पिता अपने जेब में दायीं तरफ लेकर लड़के के यहाँ विवाह वार्ता के लिए जायें।

विवाह योग्य लोगों को प्रत्येक गुरूवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए|केसर का भी प्रयोग करना चाहिए|

यदि ऐसे लोग गुरूवार को गाय को भोग अर्थात दो आटे के पेड़े पर थोड़ी हल्दी लगाकर थोडा गुड तथा चने की गीली दाल का भोग देना चाहिए|

भूलकर भी बजुर्गों का अपमान न करें|बजुर्ग व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिए|
यह प्रयोग शुकल पक्ष के प्रथम गुरूवार से करना चाहिए|गुरूवार की शाम को पांच प्रकार की मिठाई के साथ हरी इलाइची का जोड़ा तथा शुद्ध घी के दीपक के साथ जल अर्पित करना चाहिए|यह लगातार तीन गुरूवार करना चाहिए|
गुरूवार को केले के वृक्ष के समक्ष गुरु के १०८ नामों के उच्चारण के साथ शुद्ध घी का दीपक तथा जल अर्पित करना चाहिए|

यदि मंगल दोष के कारण बेटी के विवाह में  उसे मकान के वायव्य कोण में सोना चाहिए।

अब यहाँ आपको ऐसा उपाय बताया जा रहा है जिसका प्रयोग करने से विवाह में कोई भी रूकावट नही आएगी|जिस समय का योग आपकी कुंडली में है,तो विवाह उसी समय होगा|इसके लिए मंगलवार को प्रातः सूर्योदय काल में एक सुखा नारियल लें|३०० ग्राम बूरा यानि पीसी शक्कर तथा ११ रूपए का पंचमेवा मिला लें|नारियल मैं इतना बड़ा छेद करें,जिसमे आपकी ऊँगली जा सके|उसमे पीसी शक्कर व पंचमेवा मिलाकर भर दें,और किसी पीपल के नीचे थोडा गद्दा कर दबा दें|जो शक्कर बच जाये उसे गद्दे के ऊपर ही डालकर एक पत्थर रख दें|जिससे कोई जानवर उसे निकाल न सके|ऐसा आप सात मंगलवार को करें|किसी भी कन्या के लिए इसे लगातार सात मंगलवार करना नामुमकिन है तो अस्वस्थ दिनों में न कर के उसके बाद शुद्ध होने पर पुन:आरम्भ कर सकती है|इस प्रयोग में यह सावधानी रखनी है की सोमवार की रात्रि से मंगलवार प्रयोग होने तक जल नहीं पीना है और किसी से भी बात नहीं करनी है|सात मंगल होने के बाद आप स्वयं ही चमत्कार देखेंगे|


यदि किसी कन्या की पत्रिका में मंगली योग होने के कारण विवाह में बाधा आ रही है तो व कन्या मंगल चंडिका स्त्रोत का मंगलवार तथा शनिवार को सुंदर काण्ड का पाठ करे|इससे भी विवाह बाधा दूर होती है|


शुक्रवार की रात्रि में आठ छुआरे जल में उबाल कर जल के साथ ही अपने सोने वाले स्थान पर सिरहाने रख कर सोयें तथा शनिवार को प्रात:स्नान करने के बाद किसी बहते जल में प्रवाहित कर दें|यह प्रयोग भी चमत्कारी है|

शीघ्र विवाह के लिए सोमवार को १२०० ग्राम चने की दाल व सवा लीटर कच्चा दूध दान करें|जब तक विवाह न हो ,तब तक यह प्रयोग करते रहना है|इस प्रयोग में आपका विवाह होना आवशयक है|

लड़की के पिता जब जब लड़के वाले के यहाँ विवाह प्रस्ताव लेकर जाए तो लड़की अपनी चोटी खुली रखे और जब तक पिता लौटकर घर न आ जाए तब तक चोटी नहीं बाँधनी चाहिए।

मांगलिक लड़की को अपनी शादी के लिए मंगल यंत्र की पूजा करनी चाहिए।

 अगर लड़की गुरुवार को अपने तकिए के नीचे हल्दी की गांठ पीले वस्त्र में लपेट कर रखें तो विवाह में आ रही परेशानियां खत्म हो जाएगी।

पीपल की जड़ में लगातार 13 दिन लड़की या लड़का जल चढ़ाए तो शादी की रुकावट दूर हो जाती है।
कुत्तों को मिठी रोटीयां खिलाएं। रेवडिय़ां और बताशे पानी में बहाएं।
प्रतिदीन रामायण के बालकाण्ड का पाठ करें।
 कन्या का विवाह हो चुका हो और वह विदा हो रही हो तो एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी-सी हल्दी, एक सिक्का डाल कर लड़की के सिर के ऊपर 7 बार घुमाकर उसके आगे फेंक दें। उसका वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।
कन्या जब किसी कन्या के विवाह में जाये और यदि वहन पर कन्या को मेहँदी लग रहे हो तो अविवाहित कन्या कुछ मेहँदी उस कन्या के हाथ से लगवा ले तो विवाह का मार्ग प्रशस्त होता है|
कन्या सफेद खरगोश को पाले तथा अपने हाथ से उसे भोजन के रूप में कुछ दे|यदि विवाह में बुध रूकावट दे रहा हो तो खरगोश को हरी घास खिलाएं|
कन्या के विवाह की चर्चा करने उसके घर के लोग जब भी किसी के यहाँ जायें तो कन्या खुले बालों से,लाल वस्त्र धारण कर हँसते हुए उन्हें कोई मिष्ठान खिला कर विदा करे|विवाह की चर्चा सफल होगी|
पूर्णिमा को वाट वृक्ष की १०८ परिक्रमा देने से भी विवाह बाधा दूर होती है|गुरूवार को वाट,पीपल,केले के वृक्ष पर जल अर्पित करने से विवाह बाधा दूर होती
 जिस कन्या का विवाह न हो पा रहा हों, वह भगवती पार्वती के चित्र या मूर्ति के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाकर प्रतिदिन निम्न मंत्र का 11 माला जाप 10 दिनों तक करें- हे गौरि शंकरार्द्धागि यथा शंकरप्रिया। तथा मां कुरू कल्याणि कान्तकान्तां सुदुर्लभाम्।।
जिन लडकों का विवाह नहीं होता है, उन्हें निम्नलिखित मंत्र का नित्य 11 माला जप करना चाहिए- ओम् क्लीं पत्नी मनोरम देहि मनोवृत्तानुसारिणीम। तारणी दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भावाम ||
विवाह योग्य लडके और लडकियां प्रत्येक गुरूवार को स्नान के जल में एक चुटकी पिसी हल्दी डालकर स्नान करें। गुरूवार के दिन आटे के दो पेडों पर थोडी-सी हल्दी लगाकर, थोडी गुड और चने की दाल गाय को खिलाएं। इससे विवाह का योग शीघ्र बनता है।
 बृहस्पतिवार को केले के वृक्ष के समक्ष गुरूदेव बृहस्पति के 108 नामों के उच्चारण के साथ शुद्ध घी का दीपक जलाकर, जल अर्पित करें।

यदि आपके विवाह में विलंब हो रहा है तो नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान से जप करें। आपका विवाह शीघ्र होगा और आपको मनपसंद जीवनसाथी भी मिलेगा।
मंत्र
स देवि नित्यं परितप्यमानस्त्वामेव सीतेत्यभिभाषमाण:।
दृढ़वतो राजसुतो महात्मा तवैव लाभाय कश्तप्रयत्न:।।
जप विधि
 अपने सामने मां भगवती का चित्र रखकर विधिवत पूजन-अर्चना करें व पुष्प चढ़ाएं।
 इसके बाद इस मंत्र का 108 बार (एक माला) जप करें।
जप के दौरान गाय के घी का दीपक जलता रहे, इस बात का ध्यान रखें।
आसन कुश का व माला लाल चंदन की हो तो बेहतर रहता है।
यह प्रयोग 45 दिन तक करें। इससे तुरंत लाभ होगा।

 यदि किसी कन्या की कुंडली में मंगली योग होने के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा है तो वह मंगलवार को “मंगल चंडिका स्तोत्र” का तथा शनिवार को “सुंदरकांड” का पाठ करें।
 किसी भी शुक्लपक्ष की प्रथमा तिथि को प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर राम-सीता के संयुक्त चित्र का षोडशोपचार पूजन कर अग्रलिखित चौपाई का 108 जाप करे। यह उपाय 40 दिन किया जाता है। कन्या को उसके अस्वस्थ दिनों की छूट है। जब तक वह पुन: शुद्ध न हो जाए, तब तक यह प्रयोग न करें। अशुद्ध तथा शुद्ध होने के बाद के दिनों को मिलाकर ही दिनों की गिनती करनी चाहिए। कुल 40 दिनों में कहीं न कहीं रिश्ता अवश्य हो जाएगा। चौपाई इस प्रकार है- सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पुरहि मनकामना तुम्हारी।|
 जो कन्या पार्वती देवी की पूजा करके उनके सामने प्रतिदिन निम्नलिखित मंत्र का एक माला जप करती है, उसका विवाह शीघ्र हो जाता है- कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि। नन्दगोपसुतं देवं पतिं मे कुरू ते नम:।।
ऐसे करे मनवांछित वर देने वाली मां महागौरी की पूजा।।
नवरात्र के आठवें दिन मां के आठवें स्वरूप महागौरी की उपासना की जाती है इस दिन साधक विशेष तौर पर साधना में मूलाधर से लेकर सहस्त्रार चक्र तक विधि पूर्वक सफल हो गए होते हैं। उनकी कुंडलिनी जाग्रत हो चुकी होती है तथा अष्टम् दिवस महागौरी की उपासना एवं आराधना उनकी साधना शक्ति को और भी बल प्रदान करती है। मां की चार भुजाएं हैं तथा वे अपने एक हाथ में त्रिशूल धारण किए हुए हैं, दूसरे हाथ से अभय मुद्रा में हैं, तीसरे हाथ में डमरू सुशोभित है तथा चौथा हाथ वर मुद्रा में है। मां का वाहन वृष है। अपने पूर्व जन्म में मां ने पार्वती रूप में भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी तथा शिव जी को पति स्वरूप प्राप्त किया था। मां की उपासना से मनपसंद जीवन साथी एवं शीघ्र विवाह संपन्न होगा। मां कुंवारी क न्याओं से शीघ्र प्रसन्न होकर उन्हें मनचाहा जीवन साथी प्राप्त होने का वरदान देती हैं। इसमें मेरा निजी अनुभव है मैंने अनेक कुंवारी कन्याओं को जिनकी वैवाहिक समस्याएं थी उनसे भगवती गौरी की पूजा-अर्चना करवाकर विवाह संपन्न करवाया है। यदि किसी के विवाह में विलंब हो रहा हो तो वह भगवती महागौरी की साधना करें, मनोरथ पूर्ण होगा।
साधना विधान
सर्वप्रथम लकडी की चौकी पर या मंदिर में महागौरी की मूर्ति मूर्ति अथवा तस्वीर स्थापित करें तदुपरांत चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर महागौरी यंत्र रखें तथा यंत्र की स्थापना करें। मां सौंदर्य प्रदान करने वाली हैं। हाथ में श्वेत पुष्प लेकर मां का ध्यान करें।
ध्यान मंत्र
श्वेते वृषे समारू ढा श्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभम् दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
ध्यान के बाद मां के श्री चरणों में पुष्प अर्पित करें तथा यंत्र सहित मां भगवती का पंचोपचार विधि से अथवा षोडशोपचार विधि से पूजन करें तथा दूध से बने नैवेद्य का भोग लगाएं। तत्पश्चात् ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। मंत्र की तथा साथ में ॐ महा गौरी देव्यै नम: मंत्र की इक्कीस माला जाप करें तथा मनोकामना पूर्ति के लिए मां से प्रार्थना करें। अंत में मां की आरती और कीर्तन करें।
शीघ्र विवाह एवं संपूर्ण वैवाहिक सुख प्रदान करने वाला प्रयोग
यदि आपका विवाह न हो रहा हो, या आपके परिवार में किसी का विवाह विलम्ब से हो रहा हो या आपके वैवाहिक जीवन में तनाव हो तो यह उपाय बहुत लाभदायक होगा। यह उपाय किसी भी शुक्ल पक्ष की अष्टमी को या नवरात्र की अष्टमी को रात्रि 10 बजे से 12 बजे के बीच में शुरू करना चाहिए और नियमित 43 दिन तक करें। अपने सोने वाले कमरे में एक चौकी बिछा तांबे का पात्र रख उसमें जल भर दें। पात्र के अंदर आठ लौंग, आठ हल्दी, आठ साबुत सुपारी, आठ छुहारे, इन सारे सामान को डाल दें। आम के पांच पत्ते दबा कर जटा वाला नारियल पात्र के ऊपर रख दें। वहीं आसन बिछा कर घी का दीपक जलाएं, श्रद्धापूर्वक धूप-दीप अक्षत पुष्प और नैवेद्य अर्पित करने के उपरांत पांच माला जाप मां गौरी के मंत्र ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ महागौरी देव्यै नम: की और एक माला जाप शनि पत्नी नाम स्तुति की करें और रात्रि में भूमि शयन करें। प्रात: काल मौन रहते हुए यह सारी सामग्री किसी जलाशय या बहते हुए पानी में प्रवाह कर दें। वैवाहिक समस्याओं का निवारण हो जाएगा।

जब जिस लड़के या लड़की की शादी का योग बनता है तब सब कुछ अनुकूल हो जाता है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके विवाह आसानी से नहीं होते। उनके विवाह में कई तरह की परेशानियां आती है। कई जगहों से रिश्ता टूट जाता है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो नीचे लिखे टोटके करने से आपकी समस्या का समाधान हो सकता ह
शनिवार को शिव मंदिर में जाकर काले तिल चढ़ाएं।
 काली गाय को नियमित रूप से चारा खिलाएं।
सिरहाने सौंफ रखकर सोएं।
भूरा या काला कुत्ता पालें और उसे अपने हाथों से खाना खिलाएं।
सूर्य के कारण विवाह में विलंब हो रहा हो, तो प्रात:काल भगवान को नियमित रूप से अघ्र्य देना चाहिए।
ऊँ सूर्याय नम: का नियमित रूप से जप करें।
ऊपर लिखे उपायों को अपनाकर विवाह में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सकता है !!!! Astrologer Gyanchand Bundiwal. Nagpur । M.8275555557 !!!
कन्या का शीघ्र विवाह करने के उपाय
कुंडली में ग्रहों की दशा खराब होने पर या किसी अन्य कारणों के कारण कुछ कन्याओं का विवाह करने में कुछ समस्याएं उत्पन्न होती हैं या रिश्ता तैय करने में परेशानी होती हैं. ऐसी स्थितियों को दूर करने के लिए तथा जल्दी विवाह करने के लिए कुछ उपायों का आप प्रयोग कर सकते हैं जिनका विवरण निम्नलिखित हैं

1.       अगर कन्या का रिश्ता तय हो गया हैं लेकिन उनका विवाह करने में में लगातार परेशानी आ रही हैं तो आप इन समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए नीचे दिए गये मन्त्र का जाप एक दिन में 11 बार करें. मन्त्रों का जाप करते समय मन्त्रों का उच्चारण शुद्ध करें.

मन्त्र –
ॐ कात्यायनी महामाया,महायोगीन्यधीश्वरी
नंद गोप सुतं देहि पति में कुरु ते नम: ॐ ।।
कन्याएं अच्छा वर प्राप्त करना चाहती हैं तो इसके लिए उन्हें गौरी की अराधना करनी चाहिए. ऐसा माना जाता हैं कि सीता माता ने भी अच्छा वर प्राप्त करने के लिए गौरी की उपासना की थी. जिसके परिणाम स्वरूप ही उन्हें राम जी जैसे श्रेष्ठ, वीर तथा तेजस्वी पुरुष मिले थे. इसलिए कन्याओं को अपनी इच्छा के अनुसार वर प्राप्त करने के लिए गौरी की उपासना निम्न मन्त्र से अवश्य करनी चाहिए.

गौरी पूजा करने की विधि – अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रोजाना माँ गौरी की अराधना सामान्य पूजा – पाठ करने के बाद निम्नलिखित पाठ का जाप 11 बार करें.
मन्त्र -
“ॐ श्रीदुर्गायै सर्व-विघ्न-विनाशिन्यै

नमः स्वाहा।सर्व-मङ्गल-मङ्गल्ये,

सर्व-काम-प्रदे देवि, देहि मे वाञ्छितं नित्यं, नमस्ते शंकर-प्रिये।।
दुर्गे शिवेऽभये माये, नारायणि सनातनि, जपे मे
मङ्गले देहि,नमस्ते सर्व-मङ्गले।।”


3.       कन्याओं का विवाह शीघ्र करने के लिए “ नन्द – गोप, सूक्तं देवीपद ” का भी जाप किया जा सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार इसका प्रयोग द्वापर युग में कृष्ण को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए गोपियों ने किया था.
विधि –
1.       इस उपाय को करने के लिए कात्यायनी देवी की एक मूर्ति या तस्वीर लें. देवी की की अराधना करने के लिए 1 गंध – अक्षत लें, 2 पुष्प लें, 3 धूप लें, 4 दीपक तथा 5 नैवेद्य लें.

2.       इसके बाद देवी की अराधना करने के लिए निम्नलिखित मन्त्रों का जाप दस हजार बार करें.
3.       जाप करने के बाद हवन करायें तथा कन्याओं को भोजन करायें. इस उपाय को करने से कन्या का विवाह जल्दी हो जायेगा तथा उसे उसकी इच्छा के अनुसार वर की प्राप्ति होगी.
मन्त्र –
‘अमुक-सुतं अमुकं देवि’।

“कात्यायनि महा-माये महा-योगिन्यधीश्वरि।

नन्द-गोप-सुतं देवि, पतिं मे कुरु ते नमः।”

4.       कन्या का विवाह शीघ्र करने के लिए 70 ग्राम चने की दाल लें.
70 से.मि. पीले रंग का कपडा लें, सात सिक्के पीले रंग में रंगे हुए लें, 7 सुपारी पीले रंग में रंगी हुई लें, 7 गुड़ की डली लें, 7 पीले रंग के फुल लें, 7 हल्दी की गांठ लें तथा 7 पीले रंग के जनेऊ लें.
अब इन सभी वस्तुओं को एक पीले वस्त्र में डालकर बांध लें. अब इस पोटली को गुरुवार के दिन कन्या के स्नान करने के बाद उसे दे दें. इस पोटली को अब कहीं ऐसे स्थान पर अपने इष्ट देव का नाम लेकर और जल्दी विवाह हो जाये इस मनोकामना को अपने मन में रख कर इसे रख दें. जहाँ पर किसी की दृष्टि न पड़ें. इस पोटली को 10 दिनों तक उस स्थान पर रखे रहने दें. इस उपाय को करने से जल्द ही आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी.

5.       कन्या श्रेष्ठ फल की प्राप्ति के लिए बालकाण्ड का पाठ भी कर सकती हैं. रोजाना बालकाण्ड का पाठ करने से कन्या को उसकी इच्छा के अनुसार वर की प्राप्ति होती हैं.

कन्या लड़की का समय पर विवाह करने के उपाय मंत्र


6.       अगर किसी कन्या का विवाह होने में अधिक देरी हो रही हैं तो उसे श्रावण मास के कृष्ण सोमवार को व्रत करना चाहिए. इसके अलावा आप नवरात्रों के दिनों में गौरी माँ की अराधना भी कर सकती हैं. गौरी माँ की अराधना करने के लिए निम्नलिखित मन्त्र का जाप 21000 बार करें.
मन्त्र –
“हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।

तथा मां कुरु कल्याणी कान्त कान्तां सुदुर्लभाम।।”


7.       कन्या का विवाह शीघ्र करने करने के लिए आप निम्नलिखित मन्त्र का जाप भी कर सकते हैं.
विधि –
1.       इस उपाय को करने के लिए दीपक और धूप जला कर मन्त्र का उच्चारण लगातार 11 दिनों तक करें.

2.       जाप सम्पूर्ण होने के बाद 11 वें दिन एक मिटटी का कुल्हड़ लें और उसका मुंह एक लाल कपडे से बांध दें.

3.       अब इस कुल्हड़ पर सात बार रोली का तिलक लगायें.

4.       अब इस कुल्हड़ को अपने आगे रख लें और निम्नलिखित मन्त्र की 4 माला का जप करें.

5.       जप सम्पूर्ण होने के बाद कुल्हड़ को रात के समय चौराहे पर रख दें और बिना मुड़े घर वापस आ जाये. इस उपाय को करने से विवाह में आने वाली सभी समस्याएं खत्म हो जाएगी.

8.       अगर किसी कन्या के विवाह में देरी हो रही हैं तो उसे अपने घर के वायव्य दिशा में सोना चाहिए. इस उपाय को करने से कन्या का विवाह बिना किसी रुकावट के शीघ्र हो जायेगा.

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