विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ॐ नमो: नारायण ।।ॐ नमोः नारायणाय ।।
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय ।।
विनियोग : 'ॐ नमोः नारायणाय' मन्त्र के लिए—
अस्य मंत्रस्य साध्य नारायण ऋषि:देवी गायत्री छन्द:, विष्णु देवता, सर्वेष्ट सिद्धये जपे विनियेग:।
द्वादशाक्षर मन्त्र : ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय ।
विनियोग : अस्य मंत्रस्य प्रजापति ऋषि:देवी गायत्री छन्द:, वासुदेव परमात्मा देवता, सर्वेष्ट सिद्धये जपे विनियेग:।
मन्त्र : ''ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय'' इस मन्त्र का बारह लाख जप करने से सिद्धि होती है। दाम्पत्य जीवन एवं परिवारिक माहौल सुखमय रहता है। इस मन्त्र का नियमित जप करने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। निम्न मन्त्रों में से अपनी श्रद्धा के अनुसार चयन करके अथवा गुरू—मुख से दीक्षा लेकर भगवान विष्णु के स्वरूप का ध्यान करके पूजन व जप करना शुभ होता है। पुराणों कहा जाता है। कि जिस भगवान के मंत्र का आप जप कर रहे है जप करते समय उनके स्वरूप का ध्यान करना चहिए अन्यथा उस जप का फल नहीं मिलता है।
मन्त्र : 1. ॐ विष्णवे नम:। 2. ॐ अच्युताय नम:। 3. ॐ लक्ष्मीपतये नम:। 4. ॐ जनार्दनाय नम:। 5. श्री हरे नम:। 6. ॐ अनन्ताय नम:। 7. ॐ परमात्मने नम:। 8. ॐ गोविन्दाय नम:। 9. ॐ श्रीधराय त्रैलोक्य मोहनाय नम:। 10. ॐ अच्युतानन्त गोविन्दाय नम:। 11. ॐ क्लीं ह्रषीकेशाय नम:। 12. ॐ ह्रीं ह्री श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नम:। 13. ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्।
विष्णु जी के इस मंन्त्र का जप घर में सुख-संपत्ति लाने के लिए भी किया जाता है।
ध्यान मन्त्र :
शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम। विश्वधारंगनसदृशम्मेघवर्णं शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्याननगमयम ।वन्दे विष्णुम्भवभयहरं सर्व्वलोकैकनाथम।।
विष्णु जी के इन मंत्रों का जाप करने से घर की परेशानी को दूर करने के लिए और घर में खुशी लाने के लिए किया जाता है।
!!!! Astrologer Gyanchand Bundiwal. Nagpur । M.8275555557 !!!
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव,
त्वमेव विद्या, द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वं ममः देवदेवा।।
ॐ नमो: नारायण ।।ॐ नमोः नारायणाय ।।
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय ।।
विनियोग : 'ॐ नमोः नारायणाय' मन्त्र के लिए—
अस्य मंत्रस्य साध्य नारायण ऋषि:देवी गायत्री छन्द:, विष्णु देवता, सर्वेष्ट सिद्धये जपे विनियेग:।
द्वादशाक्षर मन्त्र : ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय ।
विनियोग : अस्य मंत्रस्य प्रजापति ऋषि:देवी गायत्री छन्द:, वासुदेव परमात्मा देवता, सर्वेष्ट सिद्धये जपे विनियेग:।
मन्त्र : ''ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय'' इस मन्त्र का बारह लाख जप करने से सिद्धि होती है। दाम्पत्य जीवन एवं परिवारिक माहौल सुखमय रहता है। इस मन्त्र का नियमित जप करने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। निम्न मन्त्रों में से अपनी श्रद्धा के अनुसार चयन करके अथवा गुरू—मुख से दीक्षा लेकर भगवान विष्णु के स्वरूप का ध्यान करके पूजन व जप करना शुभ होता है। पुराणों कहा जाता है। कि जिस भगवान के मंत्र का आप जप कर रहे है जप करते समय उनके स्वरूप का ध्यान करना चहिए अन्यथा उस जप का फल नहीं मिलता है।
मन्त्र : 1. ॐ विष्णवे नम:। 2. ॐ अच्युताय नम:। 3. ॐ लक्ष्मीपतये नम:। 4. ॐ जनार्दनाय नम:। 5. श्री हरे नम:। 6. ॐ अनन्ताय नम:। 7. ॐ परमात्मने नम:। 8. ॐ गोविन्दाय नम:। 9. ॐ श्रीधराय त्रैलोक्य मोहनाय नम:। 10. ॐ अच्युतानन्त गोविन्दाय नम:। 11. ॐ क्लीं ह्रषीकेशाय नम:। 12. ॐ ह्रीं ह्री श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नम:। 13. ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्।
विष्णु जी के इस मंन्त्र का जप घर में सुख-संपत्ति लाने के लिए भी किया जाता है।
ध्यान मन्त्र :
शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम। विश्वधारंगनसदृशम्मेघवर्णं शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्याननगमयम ।वन्दे विष्णुम्भवभयहरं सर्व्वलोकैकनाथम।।
विष्णु जी के इन मंत्रों का जाप करने से घर की परेशानी को दूर करने के लिए और घर में खुशी लाने के लिए किया जाता है।
!!!! Astrologer Gyanchand Bundiwal. Nagpur । M.8275555557 !!!
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव,
त्वमेव विद्या, द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वं ममः देवदेवा।।