Monday, 29 December 2014

शुभ रात्रि माखन चोर नन्द किशोर, मन मोहन, घनश्याम रे

शुभ रात्रि माखन चोर , नन्द किशोर, मन मोहन, घनश्याम रे कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे
देवकी माँ ने जनम दिया और मैया यशोदा ने पाला तू गोकुल का ग्वाला बिंद्रा बन गया बंसरी वाला
आज तेरी बंसी फिर बाजी मेरे मन के धाम रे कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे
माखन चोर , नन्द किशोर, मन मोहन, घनश्याम रे कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे
काली नाग के साथ लड़ा तू ज़ालिम कंस को मारा बाल अवस्था में ही तुने.
खेला खेल ये सारा
तेरा बचपन तेरा जीवन जैसे एक संग्राम रे कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे


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