श्री शिव नीरांजनम् shiva nIra.njanam
हरिः ॐ नमोऽत्वनन्ताय सहस्रमूर्तये सहस्रपादाक्षिशिरोरुवाहवे ।
सहस्रनाम्ने पुरुषाय शाश्वते सहस्रकोटियुगधारिणे नमः ॥ १॥
ॐ जय गङ्गाधर हर शिव, जय गिरिजाधीश शिव, जय गौरीनाथ
त्वं मां पालय नित्यं, त्वं मां पालय शम्भो, कृपया जगदीश ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ २॥
कैलासे गिरिशिखरे कल्पद्रुमविपिने, शिव कल्पद्रुमविपिने
गुञ्जति मधुकर पुञ्जे, गुञ्जति मधुकरपुञ्जे गहने ।
कोकिलः कूजति खेलति, हंसावलिललिता रचयति
कलाकलापं रचयति, कलाकलापं नृत्यति मुदसहिता ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ३॥
तस्मिँल्ललितसुदेशे शालामणिरचिता, शिव शालामपिरचिता,
तन्मध्ये हरनिकटे तन्मध्ये हरनिकटे, गौरी मुदसहिता ।
क्रीडां रचयति भूषां रञ्जितनिजमीशम्, शिव रञ्जितनिजमीशं
इन्द्रादिकसुरसेवित ब्रह्मादिकसुरसेवित, प्रणमति ते शीर्षम्,
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ४॥
विबुधवधूर्बहु नृत्यति हृदये मुदसहिता, शिव हृदये मुदसहिता,
किन्नरगानं कुरुते किन्नरगानं कुरुते, सप्तस्वर सहिता ।
धिनकत थै थै धिनकत मृदङ्गं वादयते, शिव मृदङ्गं वादयते,
क्वणक्वपललिता वेणुं मधुरं नादयते ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ५॥
कण कण-चरणे रचयति नूपुरमुज्वलितं, शिवनूपुरमुज्वलितं.
चक्राकारं भ्रमयति चक्राकारं भ्रमयति, कुरुते तां धिकताम् ।
तां तां लुप-चुप तालं नादयते, शिव तालं नादयते,
अङ्गुष्ठाङ्गुलिनादं अङ्गुष्ठाङ्गुलिनादं लास्यकतां कुरुते ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ६॥
कर्पुरद्युतिगौरं पञ्चाननसहितम्, शिव पञ्चाननसहितं,
विनयन शशधरमौले, विनयन विषधरमौले कण्ठयुतम् ।
सुन्दरजटाकलापं पावकयुत फालम्, शिव पावकशशिफालं,
डमरुत्रिशूलपिनाकं डमरुत्रिशूलपिनाकं करधृतनृकपालम् ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ७॥
शङ्खननादं कृत्वा झल्लरि नादयते, शिव झल्लरि नादयते,
नीराजयते ब्रह्मा, नीराजयते विष्णुर्वेद-ऋचं पठते ।
इति मृदुचरणसरोजं हृदि कमले धृत्वा, शिव हृदि कमले धृत्वा
अवलोकयति महेशं, शिवलोकयति सुरेशं, ईशं अभिनत्वा ।
ॐ हर हर महादेव ॥ ८॥
रुण्डै रचयति मालां पन्नगमुपवीतं, शिव पन्नगमुपवीतं,
वामविभागे गिरिजा, वामविभागे गौरी, रूपं अतिललितम् ।
सुन्दरसकलशरीरे कृतभस्माभरणं, शिव कृत भस्माभरणम्,
इति वृषभध्वजरूपं, हर-शिव-शङ्कर-रूपं तापत्रयहरणम् ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ९॥
ध्यानं आरतिसमये हृदये इति कृत्वा, शिव हृदये इति कृत्वा,
रामं त्रिजटानाथं, शम्भुं विजटानाथं ईशं अभिनत्वा ।
सङ्गीतमेवं प्रतिदिनपठनं यः कुरुते, शिव पठनं यः कुरुते,
शिवसायुज्यं गच्छति, हरसायुज्यं गच्छति, भक्त्या यः शृणुते ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ १०॥
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ॐ जय गङ्गाधर हर शिव, जय गिरिजाधीश शिव, जय गौरीनाथ त्वं मां पालय नित्यं त्वं मां पालय शम्भो कृपया जगदीश ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ११॥
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