Friday, 17 May 2013

कृष्णा मुझे अपने ही रंग में रंगले मेरे यार सांवरे मेरे यार सांवरे

मुझे अपने ही रंग में रंगले मेरे यार सांवरे मेरे यार सांवरे, दिलदार सांवरे ऐसा रंग तू रंग दे सांवरिया जो उतरे ना जनम जनम तक नाम तू अपना लिख दे कन्हैया मेरे सारे बदन पर मुझे अपना बना के देखो इक बार सांवरे श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया, बिना रंगाये मैं घर नहीं जाउंगी बिना रंगाये मैं तो घर नहीं जाउंगी, बीत जाए चाहे सारी उमरिया। लाल ना रंगाऊं मैं तो हरी ना रंगाऊ, अपने ही रंग में रंग दे सांवरिया ऐसी रंग दे जो रंग ना छूटे धोबिया धोये चाहे सारी उमरिया। जो नाही रंगों तो मोल ही मंगाएदो ब्रज में खुली है प्रेम बजरिया या चुनरी को ओड मैं तो यमुना पे जाउंगी श्याम की मोपे पड़ेगी नजरिया मेरे जीवन की नैया लगा जा उस पास सांवरे भव सागर में ऐ मनमोहन माझी बन कर आना, ना भटकूँ इधर उधर हे प्यारे मुरली मधुर बजाना मेरी जीवन लेजा उस पार सांवरे

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