Tuesday, 7 May 2013

ॐ भूर्भुवः स्वः गायत्री मन्त्र विभिन्न देवी देवताओं के लिये


गायत्री मन्त्र विभिन्न देवी देवताओं के लिये 
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
ॐ त्वरिता देव्यै च विद्महे महानित्यायै धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
ॐ महिषमर्द्दियै च दुर्गायै च धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
ॐ मातं गये मतंग्ये [यै] च उच्छिष्ट चाण्डाल्यै च धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
ॐ बागला मुख्यं च विद्महे स्तंभिन्यै च धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
ॐ धूमावत्यै च विद्महे संहारिन्यै च धीमहि, तन्नो धूमा प्रचोदयात !
ॐ वैरोचन्यै च विद्महे छिन्नमस्तायै धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
ॐ त्रिपुरायै च विद्महे भैरव्यै च धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
ॐ नारायन्यै च भुवनेश्वर्यै धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
ॐ त्रिपुरा दैव्यै विद्महे क्लीं कामेश्वर्यै धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
ॐ तारायै च विद्महे महोग्रायै च धीमहि, सौस्तन्न: क्लिन्नै प्रचिदयात!
ॐ कालिकायै च विद्महे श्मशान वासिन्यै धीमहि, तन्नो अगोरा प्रचोदयात!
ॐ भगवत्यै च विद्महे माहेश्वर्यै च धीमहि, तन्नो अन्नपूर्णा प्रचोदयात!
ॐ परमहंसाय विद्महे महातत्त्वाय धीमहि, तन्नो हंस: प्रचोदयात!
ॐ वेदात्मने च विद्महे हिरण्य गर्भाय धीमहि, तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात!
ॐ ऐं वाग्देव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु: प्रचोदयात!
ॐ त्रैलोक्य मोहनाय विद्महे आत्मारामाय धीमहि, तन्नो विष्णु: प्रचोदयात!
ॐ महादेव्यै च विद्महे विष्णु पत्न्ये [यै] च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात!
ॐ नारायण: विद्महे वासुदेवाय धीमहि, तन्नो नारायण: प्रचोदयात!
ॐ दाशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो राम: प्रचोदयात!
ॐ जनकजायै विद्महे राम प्रियायै धीमहि, तन्नो सीता प्रचोदयात!
ॐ दासरथये विद्महे अलाबेलाय धीमहि, तन्नो लक्ष्मण प्रचोदयात!
ॐ अन्जनीजाय विद्महे वायु पुत्राय धीमहि, तन्नो हनुमान प्रचोदयात!
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे सुवर्ण वरणाय धीमहि, तन्नो गरुड़: प्रचोदयात!
ॐ देवकी नन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि, तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात !
ॐ गोपालाय विद्महे गोपीजन वल्लभाय धीमहि, तन्नो गोपाल: प्रचोदयात!
ॐ वृषभानुजायै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि, तन्नो राधिका प्रचोदयात!
ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि, तन्नो परशुराम प्रचोदयात!
ॐ उग्र नृसिंहाय विद्महे वज्रनखाय धिअमी, तन्नो नृसिंह: प्रचोदयात!
ॐ महादेवाय विद्महे रूद्र मूर्तये धीमहि, तन्नो शिव: पचोदयात!
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र: प्रचोदयात!
ॐ सुभगार्यै च विद्महे काम मालायै धीमहि, तन्नो गौरी प्रचोदयात!
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्र तुन्डाय धिअमी, तन्नो दन्ति प्रचोदयात!
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महासेनाय धीमहि, तन्नो षन्मुख: प्रचोदयात!
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्र तुन्डाय धीमहि, तन्नो नन्दी: प्रचोदयात!
ॐ भास्कराय विद्महे महातेजाय धीमहि, तन्नो सूर्य: प्रचोदयात!
ॐ क्षीर पुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि, सन्नो चन्द्र: प्रचोदयात!
ॐ अंगारकाय विद्महे शक्ति: हस्तात धीमहि, तन्नो भौम: प्रचोदयात!
ॐ पृथ्वी देव्यै च विद्महे सह्त्र मूर्त्ये च धीमहि, तन्नो मही प्रचोदयात!
ॐ महाज्वालाय विद्महे अग्नि मध्ये धीमहि, तन्नो अग्नि प्रचोदयात!
ॐ जलबिंबाय विद्महे नील पुरुषाय धीमहि, तन्नो अम्बु: प्रकोदयात!
ॐ आकाशाय च विद्महे नभो देवाय धीमहि, तन्नो गगनं प्रचोदयात!
ॐ पवन पुरुषाय विद्महे सहस्त्र मूर्त्ये च धीमहि, तन्नो वायु: प्रचोदयात!
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे सहत्राक्षाय धीमहि, तन्नो इंद्र: प्रचोदयात!
ॐ मन्मथेशाय विद्महे काम देवाय धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात!
ॐ गुरु देवाय विद्महे पर ब्रह्माय धीमहि, तन्नो गुरु: प्रचोदयात!
ॐ त्रिपुराय विद्महे तुलसीपत्राय धीमहि, तन्नो तुलसी प्रचोदयात!
ॐ देव्यै विद्महे महाशक्त्यै च धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
ॐ सर्व सम्मोहिन्यै विद्महे विश्वनन्यै धीमहि, शक्ति प्रचोदयात!,,

'Astrologer Gyanchand Bundiwal M. 0 8275555557.
प्राचीन भारतीय तन्त्र की कुछ पुस्तकों में गायत्री की महत्ता का उल्लेख है, लिखा है कि १०८ या १० बार के गायत्री जाप से महा पातकी व्यक्ति भी मुक्ति पा जाता है।यहाँ जो जप संख्या १०८ या १० बार गायत्री जप निर्दिष्ट किया गया है, वह शक्ताशक्त के लिये समझना चाहिये।

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