Friday, 17 May 2013

अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम्

अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम्,,आदिलक्ष्मी सुमनसवन्दित सुन्दरि माधवि चन्द्र सहोदरि हेममये मुनिगणमण्डित मोक्षप्रदायिनि मञ्जुळभाषिणि वेदनुते पङ्कजवासिनि देवसुपूजित सद्गुणवर्षिणि शान्तियुते जयजय हे मधुसूदन कामिनि आदिलक्ष्मि सदा पालय माम् १ धान्यलक्ष्मी अहिकलि कल्मषनाशिनि कामिनि वैदिकरूपिणि वेदमये क्षीरसमुद्भव मङ्गलरूपिणि मन्त्रनिवासिनि मन्त्रनुते मङ्गलदायिनि अम्बुजवासिनि देवगणाश्रित पादयुते जयजय हे मधुसूदन कामिनि धान्यलक्ष्मि सदा पालय माम् २ धैर्यलक्ष्मी जयवरवर्णिनि वैष्णवि भार्गवि मन्त्रस्वरूपिणि मन्त्रमये सुरगणपूजित शीघ्रफलप्रद ज्ञानविकासिनि शास्त्रनुते भवभयहारिणि पापविमोचनि साधुजनाश्रित पादयुते जयजय हे मधुसूदन कामिनि धैर्यलक्ष्मि सदा पालय माम् ३ गजलक्ष्मी जयजय दुर्गतिनाशिनि कामिनि सर्वफलप्रद शास्त्रमये रथगज तुरगपदादि समावृत परिजनमण्डित लोकनुते हरिहर ब्रह्म सुपूजित सेवित तापनिवारिणि पादयुते जयजय हे मधुसूदन कामिनि गजलक्ष्मि रूपेण पालय माम् ४ सन्तानलक्ष्मी अहिखग वाहिनि मोहिनि चक्रिणि रागविवर्धिनि ज्ञानमये गुणगणवारिधि लोकहितैषिणि स्वरसप्त भूषित गाननुते सकल सुरासुर देवमुनीश्वर मानववन्दित पादयुते जयजय हे मधुसूदन कामिनि सन्तानलक्ष्मि त्वं पालय माम् ५ विजयलक्ष्मी जय कमलासनि सद्गतिदायिनि ज्ञानविकासिनि गानमये अनुदिनमर्चित कुङ्कुमधूसर- भूषित वासित वाद्यनुते कनकधरास्तुति वैभव वन्दित शङ्कर देशिक मान्य पदे जयजय हे मधुसूदन कामिनि विजयलक्ष्मि सदा पालय माम् ६ विद्यालक्ष्मी प्रणत सुरेश्वरि भारति भार्गवि शोकविनाशिनि रत्नमये मणिमयभूषित कर्णविभूषण शान्तिसमावृत हास्यमुखे नवनिधिदायिनि कलिमलहारिणि कामित फलप्रद हस्तयुते जयजय हे मधुसूदन कामिनि विद्यालक्ष्मि सदा पालय माम् ७ धनलक्ष्मी धिमिधिमि धिंधिमि धिंधिमि धिंधिमि दुन्दुभि नाद सुपूर्णमये घुमघुम घुंघुम घुंघुम घुंघुम शङ्खनिनाद सुवाद्यनुते वेदपुराणेतिहास सुपूजित वैदिकमार्ग प्रदर्शयुते जयजय हे मधुसूदन कामिनि धनलक्ष्मि रूपेण पालय माम् ८,,

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